कर्मग्रन्थ भाग - 5 | Karmagranth Bhag - 5
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
20 MB
कुल पष्ठ :
570
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about मिश्रीमल जी महाराज - Mishrimal Ji Maharaj
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(१३
मोहनीय कर्म के बधस्थान आदि की सख्या * १०३
मोहनीय कमं के भूयस्कार आदि बंध, , १्०्प्रु
था २१४ १०७-११४५
नामकमं के बन्धस्थानो का विवेचन १०७
चामकर्म के वधस्थानो में भूयस्कार आदि बंध १११
नामकमं के बधस्थानो में सातवें भूयस्कार के सम्बन्ध में
स्पष्टीकरण ११२
आठ कर्मों की उत्तर प्रकृतियो के बधस्थान तथा भूयस्कार
आदि बंधघो का कोष्टक ११६
गाथा २६, २७ ११५--१२२
मूल कर्मों की उत्कृष्ट स्थिति ११७
मुल कर्मों की जघन्य स्थिति व उसका स्पष्टीकरण श्श्घ
गाथा २८... शरर--१२४
ज्ञानावरण, दर्शनाधरण, अन्तराय कमें की सभी उत्तर प्रकृतियों
की उत्कृष्ट स्थिति १२३
असाता वेदनीय और नामकमें की कुछ उत्तर प्रकृतियों की
उत्कृष्ट स्थिति १२३
गाथा २९ १९२४-१५
कप्षायो की उत्कृष्ट स्थिति १२५
वर्णचतुष्क की उत्कृष्ट स्थिति श्२४
गाथा ३० १२६--९२७
दस और पन्द्रह कोडा-कोडी सागरोपम की उत्कृष्ट स्थिति
वाली प्रकृतियो के नाम श्२६
गाथा ३१.३२ १७--ररेर
वीस कोडा-कोड़ी सागरोपम की उत्कृष्ट स्थिति वाली प्रकृतियो
के नाम श्र्८
उत्कृष्ट स्थितिबध मे भवाघाकाल का प्रमाण १२६
User Reviews
No Reviews | Add Yours...