पाण्डुलिपि विज्ञान | Pandulipi Vigyan

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Pandulipi Vigyan by डॉ. सत्येन्द्र - Dr. Satyendra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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काल निर्धारण 246-309 भूमिका-246, काल-संकेत से समस्या -246, काल-सकेत के प्रकार- 246, इनसे समस्याएं-248, काल-निर्धारण की दो पद्धतियाँ-249, काल-संकेत न रहने पर-250, पाणिनी की श्रष्ठाध्यायी का उदाहरण- 250, प्रतरंग साक्ष्य का श्राघार-251, काल-संकेतो के रूप-2572, सामान्य पद्धति-255, कठिनाइयाँ -255, श्र्घान्तर की कठिनाई श्रौर पाठान्तर का भमेला-257, विविध सनु-संबत्‌-259, नियमित संबत्‌- 2599, शकः संवतु-259, गाके शालिवाहने -260, पूर्वकालीन शक- संवत्‌ -260, कुपाण सवत्‌-260, कृत, मालव तथा विक्रम सवतु-260 गृप्न संबतु तथा वलभी संवत्‌ -261, हषं संवत्‌-26 1, सप्तपि संवत्‌- 262, कलियुग मंवत्‌-262, बुद्ध निर्वाण मवत्‌- 262 बास्पत्य सवत्‌- 262, ग्रह परिवृत्ति संवत्मर-264, हिजरी मन्‌-264, णाहूर सन्‌ या मूर सन्‌ याश्ररबी यन्‌-264, फसली सन्‌-265, सवतो का सम्बन्ध : तालिकराबद्ध-266, निरपेक्ष कान-क्रम-269, संवत्‌-काल जानना-270, मौर वषं सक्रान्ति-270, चान्द्रवर्ष-271 योग-271, भारतीय कान- गणना कौ जटिलता-272 न्दो मे कास सष्या-273, राज्यारोहण सवत्‌ से काल-निर्धारण श्री डी सी. सरकार के भ्राघार पर, विवेचना सहित-275, साक्ष्य : बाह्य श्रतरग-279, वाह साक्ष्प-279 प्रंतरग माय -279, वेजानिक-280, बाह्य साद्य ` विवेचन-280 तुलसी के उदाहरण से-280, बहि साक्ष्य कौ प्रामाणिक्ता-284 अनुश्रुति या जनश्वुति-284, इतिहास एवं ऐतिहासिक घटनाएँ 285 इतिहास की सहायता मे सावधानी-286, काल-निर्णय मे भमेने के कुछ कारण ( पद्मावत का उदाहरण )-288, सामाजिक परिस्थितियाँ एव सास्कृतिक उत्नेल -289, श्रतरंग साक्ष्य-291, कागज लिप्यासन- 292, स्याही -293 निषि 293, लेखन-पद्ति, श्रलकरण श्रादि- 296, सकेताक्षरों की कालावधि-296, श्रतरंग पक्ष सुक्ष्म साक्ष्य- 298, माषा-298, वस्तु-विषयक सा््य-299, वजानिक प्रविधि- 300, कवि-निर्घारण समस्या - 300 । शब्द और अर्थ की समस्या 310-333 अर्थ की हृष्टि से शब्द-भेद-310, शास्त्र एव विषयक श्राधार पर शब्द-भेद तालिना-311, मिनित शब्द-31 2 विकृन णब्द-3172, पाठ-विकतियों के मूल कारण 313. विकृत शब्दों के मेद 316, सामा- विक्रार-316, ध्रक्षर-विकृत शब्द-316 विभक्त प्रक्षर- 319, युक्ताक्षर- विकृति-320, घसीटाक्षर विक्रति-321 + श्रनकरण निर्भर विकृति- 321, नवषूपाक्षर युक्त णन्द-322, लुप्ताश्चरी शब्द-323, प्रागमाक्षरी -323, विपर्यस्ताक्ञरौ-323, संकेताक्षरी शब्द -324, विशिष्टार्थी




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