महावीर का जीवन-दर्शन | Mahaaviir Kaa Jiivan Drashan
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
51
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)महावीर का जीवन-दड्शेंन
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स्वरूप से अनभिज्ञ लोग
संसार में बहुत लोग ऐसे होते हैं जिन्हें अपने स्वरूप का
ज्ञान नहीं होता । वे कहाँ से आए और म्रत्यु के बाद करी जवेगे
इसकी भी उन्हें कोई कल्पना नहीं होती । उनमें जो आत्मा है
उसका पुनजन्म होगा या नददीं यह मी वे नही जानते | उन्हें यह
भी माद नहीं कि वे इस तरह जन्म-मरण के फेरे क्यो करते रहते
हैं और उन्हें संसार में सख-दुःख क्यों भोगने पड़ते हैं |
जिज्ञासु आत्मार्थी
लेकिन कुछ आत्मार्थी पुरुष ऐसे भी होते हैं जो अपनी सद्दज
स्मृति या अनुभव से अथवा अन्य भनुभवियों से इस बात की जान-
कारी प्राप्त करते हैं कि उनका स्वरूप क्या है । और इस शझारीर में
जो आत्मा है, वह केसे सत् यानी नादान होने बाला, आनंद रूप
और ज्ञानयुक्त है और कम-बन्घनों के कारण वह भिन भिन
योनियों मे क्य जन्म-मरण करता हे | अपनी वत्तियों से उसे यह
ज्ञात होता है कि चहद किस प्रकार के शरीर को त्याग कर आया है
इस शरीर को त्यागने पर किस अवस्या को प्राप्त होगा । ये जन्म-
मरण के चक्कर उसे अपने द्वारा किए. हुए कम-बन्धनों के कारण
करने पड़ते हूं । और झुद्ध चैतन्प को आनंद तया सुखरूप होने
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