भजन संग्रह | Bhajan Sangrah
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
168
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्रार्थना ड्
प्राथना
क ¶१३ ++ स
(४ ) राग आसावरी
परम गुर राम-मिलावनहार )
अति उदार, मञ्जुल मङ्गलमय+असिमत-फल-दातार ॥
टूटी फूटी नाव पड़ी मम भीषण मव-नद धार ।
जयति जयति जय देव दयानिधि; बेस उतारों पार ॥
(५) राग देशी खमाच
आयो चरन तक्र |सरन तिहारी |
बेगि करों मोहि अभय; विदारी!
जानि अनेक फिरयों भटकान्यो |
अव प्रभु-पद् छाड़ों न सुरारी ! ॥
मो सम दीन; न दाता तुम सम |
भली मिली यह जोरि हमारी ॥
में हों पतित; पतितपावन तुम ।
पावन करु; निज बिरद सेभारी ॥|
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