गृह शास्त्र | Graha Shastra

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Graha Shastra by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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क्र घर १७ स्और दरवाजे के प्रष्ठ भाग को भी झाड़ना न भूलना चाहिये | कमरे में टेबढ स्आादि को इस तरह ज़माना चाहिए कि जिससे उनके नीचे से झाड़ा जा सके। झाड़ते समय टेब्रिल के नीचे से भी कचरा निकाल लेना चाहिये । कचरे को पिकालकर उसे एक छोटे से डब्ये में रखकर म्यु० के “ कचरे के डब्वे ” में डाल देना चाहिये । यदिं सभी काम आपको ही करना पड़ते हों तो स्नान के पूर्व डब्बे के कचरे को स्थूनितिर्पेलिटी .द्वारा निस्वित कचरे के स्थान पर डाल आइए । यह ध्यान में रहे कि कचरा म्युनिसिपैलिटि के बड़े डब्बे के बाहर न गिर घाये | यदि घर में नौकर या, नौकरानी काम करते हो तो उन्हे डब्ये में ही कचरा, डालने का निर्देग कर देना चाहिये। - कचरा निकालने के पब्चात्‌ कमरे के दरवाजे, कुर्यियाँं, टेवलें आदि सामान को एक कपड़े से अच्छी तरह पॉोंछ कर साफ करना चाहिए । कपड़े से धूल नहीं झटकना चाहिए; । क्योंकि उड़ी हुई धूल पुनः कमरे के सामान पर ही जमा होगी | जिस वख्र से धूठ पॉछी जाय उस. वस्त्र को बाहर ले जाकर झटक लेना चाहिए । इसके पब्चात्‌ जमीन पर झतर्रजी या ्वयाई बिछा देना नवाहिए । इतना तो हुआ प्रतिदिन की सफाई के बारे में । आपके ध्यान में आया होगा कि घर की दीवारलें, छत और छत की निकटवर्ती खिड़कियों रोज नहीं झाड़ी जातीं । इसका कारण एक तो समय का अभाव होता है. और दूसरा यह कि उन्हें प्रतिदिन झाड़ने की उतनी आवद्यकता भी नहीं होती । फिर भी दुस पन्द्रदद दिनों, में इनकी सफाई करनी, ही चाहिये | घर की, चाई के हिसाव से एक बांस में झाट्ट.बांध कर उससे दीवाएें, छत और छत की निकटवर्ती खिड़कियों का कचरा और जाला निकाल डालना चाहिए। यदि मकान छोटे हुआ तों यह काम एक दी दिनमें हो सकता है परन्ठु बड़े कान और कमरे होने की दशा मैं कुछ कमरों की प्रति सप्ताइ सफाई कर -छेनी-चाहिये । घर में विजली की- बत्ती हो तो झाड़ते समय उसे जला छेना « चाहिये । जिससे उसके तेज . प्रकाश में दीवाल पर लगी हुईं जाली आदि मलीरभाती दिखलाईं दे सके | वैठक के कमरे में बड़ी दातरंजी, गलीचा अथवा जाजम जमीन पर बिछी 'रदती हैं । उन्हें कमसे कम प्रति मास वाहर निकालकर धूप में डालते “रहना श. २




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