हमारी खुराक और आबादी की समस्या | Hamari Khurak Aur Aabadi ki samsya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7.81 MB
कुल पष्ठ :
142
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)थ्द खुराक शोर झाबादी की समस्या इंग्लैंड शोर वेस्स ७७ फीसदी यूरोप रूस के झतिरिक्त ५६ द्विन्दुस्तान ३७१७ द्विन्दुस्तान के सुकाबले में-जनसंख्या में कम वुद्धि करनेवाला फ़सिफ एक दी देश दै--फ्रांस । ऊपर बताये समय में फ्रांस में जन-संख्या १४ फी सदी ही बढ़ी । सन्तान पेदा करने में फ्रांस ने जो रोक-थाम की उसका नतीजा यह दुझा कि फ्रांस को इस दूसरे मदायुद्ध ५१४४० ईं० में हार का दिन देखना पढ़ा । फ्रांस में ही नददीं समस्त यरोप में झर्थशास्त्रियों के सामने जनसंख्या से काफी वृद्धि न होने का सवाल पेश है । वहां तो जनसंख्या बढ़ाने का अनुरोध शासन की ओर होता है। हिन्दुस्तान की दाक्षत उलटी है। पच्छिम की तुलना में बहुत कम वृद्धि दोने पर भी यहां सवाल जनसंख्या के अधिक टोने का है । कितने ही विद्वानों का विचार है कि देश की भलाई के लिए हमें अपनी जनसंख्या को जरूर घटा देना चाहिए । १३४१ ईं० की मदुमशुमारी के अनुसार भारत की जनसंख्या की रैय श8१४ थी । इस संख्या में ३८८१ इं० से इस तरह बढ़ोतरी हुई हे- न्सन् संख्या ० - श्र जोड़िए गत द्श वर्षों में फीसदी बढ़ी बदद८३ २३ ०५१ कक १८8१ २७ ६२ ४८ ० अड०१ रेठ रैंद रे७ १.४ श&३३ ३० २३४ द् ्प १४१ ३५ ३ ७४ ० चेश्डे। है डे पप 9० १०.६ श६ ४३ ३८ ८६४ १८ १रे ०% जाहिर है कि यह बृद्धि एक समान नहीं हुईं। दर दसवें वर्ष कसी कस और कभी अधिक वृद्धि दोती रही है। १८९१झौर 9 ४०१३०
User Reviews
No Reviews | Add Yours...