भारतीय नारी | Bharatiya Nari
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
372
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भारतीय नारी ] [ও
अपनी शक्ति व योग्यता का उचित उपयोग वे नहीं कर सकती
थीं। बौद्ध प्रथों में कई ब्रिदुपी भिक्षुणियो का उल्लेख है 1;
-- श 5
३ राजपूतकालमें खी
क राजपूतों के समय में भी स्त्रियों की वीरता तथा शौर्य फा,
पूर्ण रूप से नाश नहीं दो गया था । रानी दुर्गावती, लद्भीधाई
झादि के उदाहरण सारतीय इतिद्दास में सर्वदा अमर हर
राजपूत स्तियों फी सतीप्रथा विश्व के समक्ष भारतीय कतनाशञ
के त्याग व वीरत्थ फा ज्यल्ञत उदाहरण है । मुगर्लों के आक्रमणों
में उन्की जीत हो जाने पर अपने सतीत्य की रक्षा के लिए वे स्वत-
ही अग्नि में जज्त कर भस्म हो जाती थीं। छियों के अनुपम
जीवित त्याग के ऐसे उदाहरण विश्व सें फही भी नहीं मिक्त सकते ।
स्त्रियों की स्थिति का पतन द्ो रहा था पर प्राचीन
आदर्शा की छाप उनमें स्पष्ट लक्षित होती है। प्राचीन युग के उन
पविन्न आदर्शो को पुरुष भूलने लग गये थे पर स्त्रियों के हृदय-
प्रदेश के एफ फौने में वे सदेव प्रतिध्यनित्त होते रहे । *
-- क~ >
४ महिलामर्यादा का हास
प्राचीन आदर्शो फे बचे खुचे 'अंश आखिर कब तक
समय घ परिस्थितियों के थपेड्ों से अपने को सुरक्षित रख
सकते थे १ शोध ही वे घराशायी हो गये। स्त्री समाज षा माग्य-
सितारा सी अंत्त हो गया । उन्हें परतन्त्रणा की केकियों में
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