सरस्वती मासिक पत्रिका भाग - 29 | Saraswati Masik Patrika Part 29
श्रेणी : पत्रिका / Magazine
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
245.95 MB
कुल पष्ठ :
853
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी - Padumlal Punnalal Bakshi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)नननकीकणदन नवीन नवीणवी नी नयी की पी पी की की पी की एक की का जय था हाती हैं उस समय उलके बच्चों को झाप देखिए | ः पिछले फरवरी मास में एक दिन बहुत बफ पड़ो । मेरा एक प्रेमी जमेन मित्र मुझसे मिलने के लिए आया श्रौर बोला-चिज्ञो घूमने चलें । हम चल पड़े । साथ में उसका एक छोटा सा लड़का था | मैंने समभका झ्राठ नौ वष का भर कैरी कै जद नवीन नीला का एव वी फेस पी फीट नवीन नव न नवीन फीस ्वीना वीर नॉन नवीन नकल नवुलिननवीक अपना बाभा सस्ट्ाल रखता था ।. बातचीत करते हुए सैंने अर ने जर्मन मित्र से कद्दा-- पाप का .डका है तो आठ नो वप का ही पर मज़बूत है । सारा रास्ता पट्टा दाड़ता ही श्राया । मरने मुह की झ्रोर विस्मित हाकर देखने चार बप का लड़का की लड़कियां ब्यायास-शाला के सामने मेदान में खेठ दिखा रही हैं होगा । उस दिन हम लोग तीन चार मील बफ़ं में घूमे । सारा रास्ता वद्द लड़का दौड़ दोाड़ कर बफूं पर अपने बूटों से ही स्केटिड्र करता चला जाता था । थोड़े थोड़े फासले पर छोटे छोटे टुकड़े भूमि कं हिम से ढके थे । वह लड़का बराबर दौड़ कर उन पर फिसलता शरीर बराबर है। अभी जनवरी में उसके चार वप पूरे ह््ए हद | दर प में हैरान रह गया । मुझे सिएटल श्रम रीका के नाई का वह लड़का याद झागया जा बाज़ार मे अख़बार बेचने झ्राया करता था जिसकी मा मुक्त से कहा करती थी-- मेरा
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