दुनिया के विधान | Duniya Ke Vidhan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
216
श्रेणी :
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नवीन नारायण - Navin Narayan
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भोगराजू पट्टाभि सीतारामय्या – Bhogaraju Pattabhi Sitaramayya
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दुनिया के विधान ५
+ চু ক
# भ ক
कान्स
বলল २,१२;६५६ वग मील ।
जनसख्या = ४५२०,१५००० |
१७६१ और १८७०६० के बीच में ११ शासन विधान बने ओर विगठे ।
१८७५ ई० का शासन विधान ।
प्रेसीडेरट
वेतन 3६,००,००० फ्राक प्रति वर्ष | इसमे भत्ते भी शामिल हैं ।
नेशनल असेम्बली -पूर्ण बहुमत द्वारा चुनती है-७ वर्ष की अवधि ।
देशद्रोह के अपराध मे केवल निचला भवन साव॑जनिक अभियोग लगा
सकता है ओर केवल सीनेट ही उसकी सुनवाई करके दश्ट दे सकता है |
परेसीडेण्ट को १०० तोपौ की सलामी ठो जाती है--जबकि
श्रमेरिकन प्रेसीडेरुट को केवल २९ तापो की ।
अधिकार .
कानून को पेण करने का अधिकार , व्यवस्यपिका-सभा द्वारा पास
हुए; बविलों पर थोढी अवधि के लिए वीयो* का च्रधिकार प्राप्त है।
कानून लागू करता है। क्षमा प्रदान करने का अधिकार है, किन्तु
आम रिहाई क़ानून द्वारा ही सम्भव है ।
३--सन् १६४६ में नया विधान वन चुका है ।
४--पूर्ण बहुमत से तात्पर्य यह है कि आधे से अधिक वोट पक्ष में हों।
प--वीटो ( ४९४० ) उस विशेषाधिकार को कहते हैँ जिसका उपयोग
कर राज्य का प्रधान व्यवस्थापिका सभा द्वारा पास किये गये किसी
भी क्रानूल को रोक सकता है | प्र॒र्ण वीयो (/' 5० पा९ ए८10)
का तात्पर्य होता है कि वह कानून अस्वीकृत हो गया और लागू
नहीं हो सकता | थोडी अवधि के लिये वीटो ( ५059७78019
৬66০ ) का तात्परय यह है कि क्रानून लागू होने में देर की जा
सकती है, पर अन्य शर्ते पूरी होने पर उसे लागू करना होता है |
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