दुनिया के विधान | Duniya Ke Vidhan

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Duniya Ke Vidhan by नवीन नारायण - Navin Narayanपट्टाभि सीतारामय्या - Pattabhi Sitaramayya

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भोगराजू पट्टाभि सीतारामय्या – Bhogaraju Pattabhi Sitaramayya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दुनिया के विधान ५ + চু ক # भ ক कान्स বলল २,१२;६५६ वग मील । जनसख्या = ४५२०,१५००० | १७६१ और १८७०६० के बीच में ११ शासन विधान बने ओर विगठे । १८७५ ई० का शासन विधान । प्रेसीडेरट वेतन 3६,००,००० फ्राक प्रति वर्ष | इसमे भत्ते भी शामिल हैं । नेशनल असेम्बली -पूर्ण बहुमत द्वारा चुनती है-७ वर्ष की अवधि । देशद्रोह के अपराध मे केवल निचला भवन साव॑जनिक अभियोग लगा सकता है ओर केवल सीनेट ही उसकी सुनवाई करके दश्ट दे सकता है | परेसीडेण्ट को १०० तोपौ की सलामी ठो जाती है--जबकि श्रमेरिकन प्रेसीडेरुट को केवल २९ तापो की । अधिकार . कानून को पेण करने का अधिकार , व्यवस्यपिका-सभा द्वारा पास हुए; बविलों पर थोढी अवधि के लिए वीयो* का च्रधिकार प्राप्त है। कानून लागू करता है। क्षमा प्रदान करने का अधिकार है, किन्तु आम रिहाई क़ानून द्वारा ही सम्भव है । ३--सन्‌ १६४६ में नया विधान वन चुका है । ४--पूर्ण बहुमत से तात्पर्य यह है कि आधे से अधिक वोट पक्ष में हों। प--वीटो ( ४९४० ) उस विशेषाधिकार को कहते हैँ जिसका उपयोग कर राज्य का प्रधान व्यवस्थापिका सभा द्वारा पास किये गये किसी भी क्रानूल को रोक सकता है | प्र॒र्ण वीयो (/' 5० पा९ ए८10) का तात्पर्य होता है कि वह कानून अस्वीकृत हो गया और लागू नहीं हो सकता | थोडी अवधि के लिये वीटो ( ५059७78019 ৬66০ ) का तात्परय यह है कि क्रानून लागू होने में देर की जा सकती है, पर अन्य शर्ते पूरी होने पर उसे लागू करना होता है |




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