हिंदी की तीसरी पुस्तक | Hindi Ki Tisari Pustak

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Hindi Ki Tisari Pustak by नाथूराम प्रेमी - Nathuram Premi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पा लय मय अम्मा नाश. गया हिंदीकी तीसरी पुस्तक... ७ च नष्ट होते रहते हैं जुंगम जीव चार प्रकारके हैं देन्डरिय तेइन्टिय चौइन्द्रिय और पंचेन्दिय ट्ो- द्दियजीव उन्हें कहते हैं जिनके रपर्शन त्वचा 9 और रसना जिन्हां इन्दिय हो अथीत्‌ जिनके दा- रीर हो और स्वाददाक्ति घारण करते हों जैसे छमि कीट गिडाड मांठि तेद्वन्द्रिय जीव उन्हें कहते हैं जिनके स्पर्दान रसन और घ्राणेन्दिय नाक 9 हो अर्थात जिनके शरीर दो. जो पदार्थका स्वाद जानसर्के और जो सुंधसकें जैसे पिपिठिका चिऊटी खटमछ आदिक चौट्टाद्धिंय जीव उन्हें कहते हैं जिनके उक्त तीन इन्दियॉंके सिवाय पक्ष नेत्र इन्द्िय हो अर्थात जो देखभी सकें जैसे अमर मक्खी आदिक और पचेन्द्रिय जीव उन्हें कहते हैं जिनके उक्त चारके सिवाय श्रोन्न कान इन्दियभी हो अर्वाद जो पार इन्द्रियोकि विपर्यकि अतिरिक्त सुनसक्तेहों जैसे मनुष्य देव पशु पक्षी जादि. पचेन्दिय जीवॉके भी दो भेद हैं एकसंशी और




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