जैन धर्म में तप स्वरूप और विश्लेषण | Jain Dharma Mai Tap Svarup Aur Vishleshan

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Book Image : जैन धर्म में तप स्वरूप और विश्लेषण  - Jain Dharma Mai Tap Svarup Aur Vishleshan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रावकथन भारतीय साधना, सहस्नघारा ती्घ है। साधना का णो दिराद एप व्यापक रुप यहा मिलता है, मैंसा अस्यश्र यहा मिलेगा ? भारतीय जीदन था हर शसि, साणनाका स्म होता है, हर चरण, साधना था घर्ण शोसा है, हर र₹ूप, साधना शा रुप होता है, यही कारण टि ति भिति का, पार ब्यक्ति- गत जीवन हो था पारिवारिक जी सामाजिक जीयन हो, था घामिय जीवन, सर्वश्र जीवनघारा भें साधना की उमिया लशराती है, साधना का स्थर भुगरित होता रहताडी, लगता है भारतोय थीवन साधना हे लिए ही अस्ठिव में है तप, भारतीय साधना या দান 8 | সিন प्रभार शरीर में उमा झीयन के अस्तित्व पार योतेवा है, उम्री प्रदार शाएना भें तव भी রানী হোন शह्तित्य पा बोध बराता है। या पाप्म उष्य? तषे क दिना पमं षुत, यहम पा, स्वि का बाई वन्ति र स्र पमेव रिति (मा, सषा नहीं है, पे रहित शाप, सहय सहा > । समति घमं पो स्वरया पवते पत भ्रगयाद महादीर ফা पिता सर्मों तषो सिम, मयय एवैनं न्द प्रमं वो निरता 0, नित्यस है । धर्म शो ইন নহয় भै तप नरै, दिर ইলাহ £ गे आह नाप তি শিবির দহ धरली या गर्म है, शशि হম হান শত রঃ हद है 1 আব লী উঠ स्तर




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