आर्थिक भूगोल | Economic Geography
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
24 MB
कुल पष्ठ :
588
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)आधिक भूगोल के सिद्धान्त ই
अंगूर आइसल्लड ( 10827वें ) में उत्पन्न नहीं किया जा सकता। वन-
' सम्पत्ति और मछुलियाँ भी जल्लवायु तथा घरातत्न की बनावट पर ही निर्भर
हैं । किसी प्रदेश में कौन सी धातुर्ये निकलेंगी यह मी उस प्रदेश के धरातल
की बनावट पर निर्भर है। स्तु यदह सिद्ध ष्टो गया कि मुख्य धे,
( एषणा [त प्8188) चर्यात् खेती-बारी, पशु-पालने, वन-सम्पत्ति
खनिज पदार्थं, तथा मद्या प्रकृति पर अवलम्बित ह । यदी नहीं गमनागमन
के साधन मी जलवायु और धरातल की बनावट पर निर्भर होते हैं ।
भौगोलिक परिस्थितियां दी मनुष्य कौ कार्य-क्षमता को निर्धारित करती हैं।
शक्ति के साधनों (ए०क्ः 188001068) का भी जलवायु तथा धरातल्न की
बनावट से सीधा सम्बन्ध है। कोयल्ले द्वारा उत्पन्न होने वाली शक्ति, बिजली
की शक्ति, गैस की शक्ति, पानी की शक्ति, तथा वायु की शक्ति सभी
जलवायु तथा धरातल की बनावट पर निर्मर हैं। इन्हीं बातों पर उद्योग-घंधों
की उन्नति निर्भर रहै श्रौर उद्योग-धंधों पर दही व्यापारं निर्मर है श्रतएव
. यह स्पष्ट हो गया कि भैगोलिक परिस्थिति किसी देश की औद्योगिक उन्नति
का मुख्य कारण है। आर्थिक भूगोल के विद्यार्थी को इन सभी समस्याओं का
' ऋअध्ययन करना आवश्यक है। इन समस्याओं के अतिरिक्त हमें और भी
समस्याओं का अध्ययन 'करना होगा। जैसे उजाड़ देशों को आबाद करने के
कारण. एकं देश से दूसरे देश मे मनुष्यों का प्रवास के कारणा, तथा भिन्न-मिन्न
जातियों के मिलने सेजो श्रार्थिंक समस्याएँ उपस्थित होती हैं उनका मी
समावेश इस विषय में होना आवश्यक है ।
“प्रतएव आर्थिक भूगोल्न में उन सभी भौगोलिक परिस्थितियों का
विवरण होता है जो खेती, उद्योग-घंधों, व्यापार, तथा जनसंख्या के प्रवास
' पर प्रभाव डालती हैं।”
संक्षेप में हम कह सकते हैं कि आधिक भूगोल देशों के प्राकृतिक तथा ¦
» राजनैतिक बिमाजन, जनसंख्या का वितरण, कृषि तथा अन्य समी प्रकारके
घंधों तथा मनुष्य के रहन-सहन तथा व्यापार इत्यादि विषयों का अध्ययन -
करता है।
आर्थिक भूगोल के मुख्य दो कार्थ हैं। पहला कार्य तो यह कि बंद पृथ्वी
के आर्थिक साधनों (110070710 7९80प्र'०९९ ) का
आर्थिक भूगोल ठीक-ठौक विवरण देता है ओर दूसरा मुख्य कार्य यह
दे कायं है कि वह हमें बतल्लाता है कि हम उन आर्थिक
साधनों को मनुष्य के ल्लाभ ओर उपयोग क लिए कि
प्रकार काम में ला सकते हैं। -
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