ज्ञान और कर्म | Gyan Aur Karm
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
65 MB
कुल पष्ठ :
402
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पं. रूपनारायण पाण्डेय - Pt. Roopnarayan Pandey
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कन्याका चुनाव कोन करे (--बहुविवाह ठीक नहीं--विवाहका
समारोह--विवाहसम्बन्ध का स्थितिकाल টার १. २२०
खीको शिक्षा देना--द्रीको सुखी रखना प्रर विलासभिय न बनने
देना--स्वामीके प्रति रीका प्रेम জীহ भक्ति--विवाहसम्बन्धका
तोडना # $ 9 9 ® ® 9 9 छ 8 8. ক কও কল २३५
चिरवेधव्य विधवा-जीवनका उच्चादर्श है--प्रतिकूल और अनु-
कूद युक्तया ४ 9 ॐ ৬ ক গ্াঞ 2৩৩৬ २४७
' पुत्रकन्याके सम्बन्धमें कतैव्यता--दासदासि्योपर भरोष्ा--योगमे
चिकित्सा और सेवासन्तानकी शिक्षा--आध्यात्मिक और नीति-
शिक्षा--धर्म शिक्षा--पुत्रक न््याका विवाह हक »०० হও
४--खसामाजिक नीतिसिद्ध कमे |
सामाजिक नीति---साधारण समाजनीति--विशेष समाजनीति,,. २७६
जातीय समाज और उसकी नीति--हिन्दूसमाजमें जातिभेद--
पड़ोसी समाज ओर उसकी नीति--एकधमीवरूम्बी समाज-
धर्मानुशीलन समाज--ज्ञानानुशीलन समाज--सभ्य निवोचनकी
विधि--- र ঠা দিন ও কর ই
धनी ओर मजदूरोंका सम्बन्ध--हड़ताल--एकह॒त्था व्यवसाय---
वकीरु वैरिस्टरोका कर्तन्य--चिकित्सकोका कर्तैन्य--गुरुरिष्य-
सम्बन्ध--प्रभुभव्यसम्बन्ध ओर उसकी नीति ,,, ১৯৯ ই
+--राजनीतिसिद्ध कमे ।
राजप्रजासम्बन्धका स्थूर निणय--इसको खषशटिके विषयमे मत-
भेद-ईइसकी स्थिति নি ५५ के ১১৯ ३२१
राजतन्त्र ओर राजाप्रजासम्बन्धके अनेक प्रकार--एकेश्वर॒तंत्र--
विशिष्ट प्रजातंत्र---साधारण प्रजातंत्र--मिन्न भिन्न ल्ासनश्रणा-
लियोंके दोष गुण ... च र নী +> ३2९
व्रिटेन और भारतका सम्बन्ध--प्रजाके प्रति राजाका क्तैंव्य---
राज्यकी शान्तिरक्षा--प्रजाकी प्रकृति और आवश्यकताओं का ज्ञान
रखना--प्रजाकी स्वास्थ्यरक्षाका प्रबन्ध--जाने अनेके सुभी वे---
ग्जाकी शिक्षाका प्रबन्ध--प्रजाको अपना मतामत प्रकट करने
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