प्रसाद काव्य विवेचन | Prasad Kavya Vivechan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
218
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)व्यक्तित्त ओर करत तर ण
आत्य, काव्यकथा, काव्यनिवन्ध, चतुय, तुकान्त, अतुकान्त,
आचीन ढंग के मुक्तक, संस्कृत-उ्दू-वजमाषा के छंदों में कविताएँ--
सब तरह का काव्य लिखा। हिन्दी में सर्वप्रथम चतुद॑शियों का
अचलन उन्होंने ही किया। साहित्यिक गीतों के थे जन्मदाता थे |
हिन्दी की रथम अतुकान्त कविता शरेम-पथिकः ह । नाटककार और
गद्यकार के रूप में भी प्रवाद को ऊँचा स्थान अर्त है। उनके नाटक
हिन्दी नावव-साहित्य की बहुमूल्य निधि हैं । गद्य का इतना भावत्रघान
चरी व्यापक प्रयोग वहत कम ने क्रिया है जितना সভা ने । मूलतः
वे कवि थे, अतः गद्य में भी वे कवि बने रहे हैं । उनका सारा साहित्य
काव्यात्मक है |
असादजी ने ७२ कहानियों लिखीं जिनमें आगेतिहासिक, ऐति-
हासिक, पौराणिक, ग्रेमग्रधान, पमस््यामूलक, भावात्मक, मनोवैज्ञानिक,
अतीकात्मक, सामाजिक, यथारथोन्मुख सब तरह की कहानियों सम्मिलित
हैं। पहले-पहल उन्होंने शह्मपिं? और “पंचायत* दो पौराणिक
कथाएँ लिखी । शेष कहानियाँ पोच संयलयं मे ग्राह हैं। सर्वप्रथम
उनकी पॉच कहानियों का संग्रह छाया? नाम से अकाशित हुआ |
अगले संस्करण में छः कहानियों और जोड़ दी गहँ। कथाशिल्प की
इष्टि से कहानियाँ महत्तपूर्ण नहीं हैं | इनमें थाम सब से पुरानी
कहानी है, लेकिन “वन्दा शरेष्ठ है । अतिध्वनिः संह में १५
कहानियों है। ग्रायः कहानियों छोटी है जिनमें कथातत्त वहुत कम
हे । उन्हें कहानी न कहकर गद्यकाव्य कहना उवित होगा । तीरा
समह “आकाशदीप” है । इतमें ४६ कहानियों है । संह की
सर्वोत्कृष्ट कहानी “आकाशदीप” है। “चूड़ी वालीः और “बिताती?
भी सुंदर कहानियों हैं । आयः कहानियों में असाद की कला का गरौ
रूप दिखाई देता है। “ऑधी” नाम का दूस कहानियों का संयह
कहानी-कला और चरित्र-चित्रण की दृष्टि से महस्परं है । इसमें
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