कल्याण | Kalyan

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Kalyan by घनश्यामदास जालान - Ghanshyamdas Jalan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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'२५६ भीमदूमवद्गीताका चरम तात्पर्य २५८ भीमरूसबज्गीताका विशानमाष्य २५९ श्रीमद्धयवद्गीताका सार्वमौम स्थान २६० श्रीमरूुगवद्गीताका सिद्धान्त २६१ भ्रीमहऋूरवद्रीताकी अनुठ्ठान-विधि २६२ भीमद्धगवद्गीताकी धाठ-विधि २६३ भ्रीमद्धमवद्गीताके ऋषि, छन्द, देवता और विनियोग २६४ श्रीमद्धगवद्गीताके दो प्रसद्धोपर विचार २६५ भीमद्धगवद्गीतामें वर्ण-धर्म २६६ भ्रीमद्धगवद्गीतामें शरगागति २६७ 99 39 २६८ श्रीमानसका अनुपम মহত २६९ श्रीमानस-शङ्का-समाधान २७० श्रीरामचरितमानखका तात्पर्य २७२ संत श्रीसेवादासजीके वचन २७३ संयम २७४ संयम ही तव दै (सं° ) २७५ संसार २७६ संसारका सम्मान्य अन्थ ( घं० ) २७७ संसारम रहनेका तरीका २७८ संसारसे तरनेका उपाय (सं° ) २७९ सह्ुल्प २८० सख्य-रस २८१ सखाभाव २८२ सच्चे संत २८३ सत्सकृका प्रसाद २८४ सबका मूल अशान २८५ सम्पादकोंका निवेदन २८६ सर्वप्रिय काव्य ( सं० ) २८७ सर्वशाज्ममयी गीता ` २८८ सहञयोग्‌ ** ( साहित्याचार्य श्रीपाद भीशान्तिमिक्षु तिशूली, काश्यप ) ` ` **' ( श्रविष्णवाचायं स्वामीजी महन्त भीरामदासजी महाराज ) ९९६ ( राहित्यरत ৭০ श्रीशिवरकजी शुङ्ग “सिरस? ) ` ११४२ * * (ष श्रीनरहर शास्त्री खरशीकर ) ` * हि **' ( श्रीजयरामदासजी “दीन? रामायणी ) ** ( भीजयरामदासजी “दीन? रामायणी ) १२७८, १३१५, १५०८; *** ( स्वामीजी श्रीरामदेवजी महाराज ) २७१ श्रीखामिनारायण-सम्प्रदायमें गीताका स्थान *'* (1) *** ( बैब्णयाचार्य पं» भौरतिकमोहनजी क्याभूषण ) न्न्न् ७७ २५७ भीमद्धगबद्रीताक्न परमतस्त मक्तितत्व ही है “ *** ( महामझहेपाण्याय पं भीगिरिधरजी शर्मा चंतुर्देदी) ** ९९२ (भी ह० भ० प० घुंडा महाराज देगकूरकर ) * १०३१ ४ बेदान्ताचार्य ५ं० भीमहेशानन्दजी उनियाऊ शार्री ) *०* ११०३ ` * (श्रीनारायणाचायं गोविन्दाचार्य यरखेडकर ) --* ९९८ ष भ ১ न १५३ ** (पं० भ्रीगोपाल्चन्द्रजी मिश्र गौड़, वेदशास्त्री ) *** ९७८ ११११ * ११४५ * १४२० १६०१) १७३५ १२५४, १३२८ ( पं० श्रीकृष्णवलभाचार्यजी? स्वामिनारायण, दार्शनिक- पञ्चाननः षडदर्शनाचार्यः नव्यन्यायाचार्य, सांख्य- योग-वेदान्त-मीमांसातीयं ) ˆ १००२ ই १८१७ ` ` (श्रीमानिकलाल्जी सिंषनी, एम्‌० ए०) एल्‌-णद्‌० बी०) ` ` १२३७४ ** जनवरी-टाइटिलका चौथा पृष्ठ *** € भ्रीमत्यरमइंस परिजाजकाचार्य भीमत्स्यामी भीशह्ूरतीर्थजी महाराज ) १७९५ ** ( महामहोपाध्याय पण्डितप्रवर भीलक्ष्मण शाली द्राबिङ़ ) ˆ ' * १००३ ** ( पृज्यपाद श्रीमोछानाथजी महाराज ) १७२८ ** ( महाभारत) शान्तिपर्व ) मई-टाइटिलका चौथा ए४ *** ( श्रीअनिलवरण राय ) ** * १६६६ -* ( पं० श्रीशान्तनुविहारीजी द्विवेदी ) “-* “** १८९३ ** ( मुखिया भ्रीविद्यासागरजी ) * १५०० ^ ( भी च्चक्रः ) र ° १७८९ *** ( पं» भ्रीशान्तनुबिद्दारीजी द्विवेदी ) ** १७७१ ** ( खामी शीराम्देवजी महाराज ) “ “ १७१४ पर ও ४ “ ( खर एडबिन मारनस्ड ) त “ १००६ ** ( प्रोफेसर फिरोज शायसजी दावरः एम्‌ ८०, एर्‌ ू एट्‌° बी० ) * १०३८ ** ( पं» औव्यल्जीरामजी शुक्र) एम्‌० ए०) बी० टी०) '** १६९४ :




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