नैपालका इतिहास | Nepal Ka Itihas
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
116
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)इतिहास टलै४8-9 ११
পাপী ~ ~~~
उजाड दिवा 1 हरिसिंहदेव नेपाले भागा ओर नेपालको जीतकर गदीपर वेट.
वाधमर्ताके किनारे वाहरवार गांव हैं जिसका जलवायु, अतिउत्तमहै। सन् १८१४
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ईंसचीको नेपालकी पहिली लडाईमें मेजर त्राडरसने इस स्थानकों ही घेर कर जीताथा,
शल्य सप्तारी जित वाघमतीसे कमलानदीतक वसा हुआहेी इस जिलेकी सीमाके-
अन्तमें पुराने नगर जनकपुरका खंडहर दिखाई देताहे 1 मोहतारी जिला कमलासे
कोसीनदी तक फेलाहुआह । कोसीके दक्षिण किनारे सीमाके पास भानुरानामक
स्थानमें सेना रहतीहै, कोसीके पूरव मीची नदीतक तराईका नाम मोरननार । जिसकी
भूमि इकसारहै, परन्तु कीचड जल वायु और रोगोंसे भरी हुईं है। तराइसरमें यह
स्थान सबसे अधिक स्वास्थ्यका विगाडनेवालाहै, नदियाँका जल भी बहुत दूषित है,
तथा सवी वस्तु विपैली है । मोरन्ञाको छोडकर तराईकी दूसरी भूमि साफ सुथरी
और बहुत अन्न उत्पन्न करनेवाली है, ईख, अफीम ओर तमाखुमी इसमे भलीमां-
तिसे होसक्ता हे । कोसीके पिले जंगलोंमें हाथियोंकी संख्या दिन २ कमती
होती जातीहै ! मोरङ्नामे अव वहत हाथी पायेजातिदै, किन्तु पटिलेते वहां भी
कम होगये हैँ ।
नैपारु उपत्यका ।
(9
गोसाईं थान पर्वेतके अन्तर्गत লক पर्वैतके ठकि दक्षिणम सप्तगण्डकी ओर
सप्तकोशिकीके ववि जो ऊंची उपत्यका है, उसदीका नाम नेपाल उपत्यका । यह
उपत्यका त्रिकोणाकार है, लम्बाई पूर्व पश्चिसममें १० कोस ओर उत्तर दक्षिणमें चो-
डाव ७॥ कोस है । प्रथिममें त्रिशल गद्गानदी हे, पूर्वमें मिलाचिया इन्द्राणी नदी
है। उपत्यकाके चारों ओर परवत है, उनम उत्तरम धेवज्ञ पर्वतमालामे शिवपुरी,
काकानि, पूर्वने महादेव पोखरा शिखर, देवचौक ( देवचोया ), पश्िममें चागाऊुन
पवेत और दक्षिणमें शेषपाणि पर्वेतमालामें चन्द्रागरिे, चम्पादेवी और फूलचौका
( फूलचोया ) आदि पर्वत शिखरही ठीक सौमारुपसे स्थित हे । नेपाल उपत्यका
समुद्रसे ४५०० फुट ऊंचे पर है। चारों ओर छोटे ३ पर्वत शिखर होनेके कारण
चारों ओर ओर भी छोरी २ करई द्री ह । चद्यपि उनमें स्वभावसेही अन्तर पडा
हुआ है, तथापि वे नैपाल उपत्यकामें गिनीजाती हैं। किनारेकी इन समस्त उपत्य-
काओमेंसे दाक्षिण पश्चिममें चित्तालिंग उपत्यका ( वाघमतीकी उपनदी पानौनीसे ` `
धुलनेवाली ) है! पश्चिममें घूना और कालपू उपत्यक्रा ( त्रिझ्वलगंगाकी घूना और
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