वो दुनिया | Wo Duniya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
262
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about भगवत शरण उपाध्याय - Bhagwat Sharan Upadhyay
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)৮০,
५ (3
अंकल सम
०५६
घता
सूफ रहे, फिर भी थे दुश्मन पर चोट करते हैं। कीम किसका दुश्मन
है. वह जो घर में है या वह जो समुन्दर पार से आया है ! इंसान की इस
बैवकूफ़ी पर मैं दँसता हूँ। संयुक्त-राष्ट्र-संघ का मेय सवाग मृद मनुष्य नहीं
समझ पाता, यही मेरी ताकत है, क्योंकि आलम सेरे साथ है, क्योंकि
ब्ालम संयुक्त-राष्ट्रसंघ के साथ है, क्योंकि संयुक्त-राष्ट्र-संघ सरकारों का
है, क्योंकि सरकारें मेरी हैं, मेरे कज़' से ख़रीदी |
ओर इन्सान कोरिया में लड़ रहा है अपने दुश्मन ये | दुश्मनी कैसी!
बुश्मन ते क्या दुश्मन को देखा है ! दुश्मन ने क्या दुश्मन को गाली दी
है | उसके क्राध का कारण बना दे ! यह भर्ती के अड्ड| जो इन्सान को
रोटी के लालच से अपनी ओर खींचते हैं उसे बन्दृक और बम देते हैं, यह्
बैरक জী उसे लड़ाई के बीच साँस लेने की पनाह हैं, यह मैदान जो
कुृवायदों से उसे देत्य बनाते हैं ओर यह दूसरे मैदान जहाँ बह दुश्मन की
छाती में अपनी संगीन भोंक देता है। क्या इनमें से किसी ने उसके
दुश्मन को उसकी आज़ादी छीनते देखा है ! दुश्मन तो उसका उसके घर
पर है जो मिलों से कपड़े निकाल कर भी उसे लगोट मर का कपड़ा नहीं
देता, खेतों में अन्नों की राशि उगा कर भी उसे एक दाना नहीं देता,
महल खड़े करके भी उसे खड़े होने की सरन नहीं देता | इस दुश्सन की
जिसे बह अनजाने, श्रकारण अ्रपनी गोलियों का शिकार बना रहो है
उसने कब देखा, कब जाना ! पर वे दुश्मन तो मेरे हैं क्योंकि इन्सान हैं,
दोनों ही मारने वाले भी, मरने वाले भी, क्योंकि मैं युद्ध हँ--मैं अंकिल
सम हूं ।
मेरी मिलें दिम-रात कास कर रहा हैं | कपड़ा निकलता जा रहा है,.
लडाई के मैदानों के लिए, दुनिया के बाजारों के लिए, पर बह इन्सान के
लिए नहीं है | जितनी माँग होंगी कीमत के अन्दाज से, कीमत को बनाए.
रखने के लिए मु उतना ही कपड़ा बाजार में भेजना होगा और जौ वच
भगवतशरश .
User Reviews
No Reviews | Add Yours...