साम्यवाद का सन्देश | Samyawad Ka Sandesh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
158
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सास्यवाद् का सक्षि परिचय ५५
सेठ-साहूकारों की हुकूमत के स्थान में कारीगर और सज़-
दूरों की अथात् साम्यवाद की हुकूमत क्लायम द्वोगी ।
जब मनुष्य-समाज साम्यवाद के सिद्धान्त के अनुसार
संगठित हो जायगा तब श्रम (सब प्रकार की मेहनत-मजूरी)
दी सबसे अधिक महत्व और सम्मान फी चीज मानी
जायगी । यह् संसार के इतिहास में एक बिलकुल नई बात
होगी । प्राचीन काल के समाज का सद्भठन शारीरिक शक्ति
के आधार पर किया गया था । उस समय युद्ध में लड़नेवाले
कत्री और बहादुर राजा लोग द्वी समाज में सबसे बड़े माने
जाते थे] उस्र समय का राज्य ( शासन-सत्ता ) भी सेनिक
पद़ठन का एक अंग था। वर्तमान समाज का सद्भठन
ঘন के आधार है। बड़े-बड़े सेठ-साहूुकार ओर कारखाने
के सालिक आजकल समाज के मुखिया माने जाते है । आज.
कल के राज्य या शासन-सत्ता का एकमात्र लक्ष्य जायदाद
की रक्चा करना है। भविष्य काल के समाज की रचना
मानवीय श्रम के सुदृढ़ और विस्तृत आधार पर की जायगी |
अमजीवी या मजदूर दही उस समाज में सबसे प्रधान सममे
जायेगे उख समय की सरकार या शासन-सत्ता का उदेश्य
म्यां के जीवन की रक्ता भीर उनके सुख की वृद्धि
करना होगा |
राजल हम जव श्रमजीवी या मजदूर का शब्द् उद।-
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