कहाँ या क्यों ? | Kanha Ya Kyon ?
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
145
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about डॉ. रामप्रसाद मिश्र - Dr. Ramprasad Mishra
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हेमचन्र ऑफिस में पहुँचने के पूर्व चिक की आड़ से झाँका। देखा,
प्रिंसपल साहब घड़ी से उलझे हैं। आश्चर्य हुआ। आज्ञा माँगी। प्रिंसिपल
साहब हडबड़ाकर अपने आसन पर बैठ गए। बोले कुछ नही, जैसे हेमचन्द्र
की ध्वनि अभी उनके श्रुति-कक्षों में प्रवेश न पा सकी हो। हेमचन्द्र मे डरते
हुए फिर आज्ञा माँगी। अबको बार प्रिंसिपल ने आँखे उठाई और सिंह-दृष्टि
से कुछ उचक्रकर, कुछ तिरछे होकर हेमचन्द्र को देखा, मानो उसे पहचानते
ही न हों। हेमचस्द्र ने तेहराया। तब कहीं घर्राई हुई ऑक्सफोर्ड-उच्चारण की
प्रतिनिधि ध्यति कक्ष भर में गूँग सकी- एस....।
जेमचनद्र अन्दर आया, नमस्कार किया। उसका कर-बद्ध अभिवादन
प्रिसिपल को खटका। तो भी, इस विषय में कुछ न बोले। अंग्रेजी में
कहा-क्या काम है?
हेमचन्द्र-क्षमा कीजिएगा, कुछ देर हो गई....।
प्रिसिपल--दर होना प्रशंसा कौ चीज नहीं होती। क्या समय है?
हेमचन्द्र को आज पहली वार ही लेट होने का अनुभव हुआ था।
जानता था, अन्यत्र ऐसा भीषण क्रम नहीं है। फिर भी सकपकाते हुए
बोला-श्रीमान, में कभी लेट नहीं होता! आज पाँच मिनिट...।
प्रिंसिपल-जाइए, अब लेट न होइएगा।
हेमचन्द्र की जान बची। ग्रसन्न होकर कक्षा की ओर चला।
उसका मन आज चिचित्र दुविधा में पड़ा था। काम करता, पर हृदय
कहाँ है, समझ न पाता। पढ़ाने पर भी प्रभाव पड़ा। रात्रि में जागने के कारण
सुस्त था। आँखों में मींद थी। इण्टरवल में सो गया। इधर बारहबीं श्रेणी मे
पटढाना था। प्रिंसिपल साहब राउण्ड भरते हुए बारहवें दर्जे के उस विभाग में
आये। कक्षा में बड़ा शोर-गुल मचा था और विद्यार्थी फिल्मी गाने गा रहे थे।
प्रिंसिपल अम्दर घुसा। उसका आतंक था, स्थिति बदल गई। पूछा-किसका
पीरियड है?
किसी छात्र ने बतलाया! प्रिंसिपल का मुँह बन गया] इतने मं ही
हेमचन्द्र हकबकाता हुआ कक्षा में घुस आया। वह पहले प्रिंसिपल को न
देख पाया था, देखा तो पीला पड़ गया। यह अनुशासन-हीनता प्रिंसिपल को
भावावेश में बहा ले गई। कक्षा में ही बोले-आप बहुत लापरवाह हैं। सस्था
मे अनुशासन का बड़ा महत्त्व होता है। आप पर कार्यवाही होगी!
कहाँ या क्यों? 15
User Reviews
No Reviews | Add Yours...