तर्कशास्त्र | Tark Shastra

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Tark Shastra by केदारनाथ रामनाथ - Kedarnath Ramnath

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विपय-प्रवेश पु नियम और सामान्य नियम से विशेप तथ्य निकाले जाते है । पहली प्रकार की प्रक्रिया आगमन गौर दूसरे प्रकार का तके निगमन 1060000100 कहलाता है । इस प्रकार तर्कशास्त्र के क्षेत्र को आगमन और निगमन नामक दो बडे वर्गों मे वाँट दिया गया है । ज्ञान की उपरोक्त दोनो प्रक्रियाये विचार की प्रक्रिया से सम्बन्धित है । इस प्रकार तकंशास्त्र को सही विचार के नियामक नियमों का घिज्ञान कहा जा सकता है । दूसरे शब्दों में तकंशास्त्र वह विज्ञान है जो उन आकार विषयक श्रौर नियामक नियमों को बतलाता है जिनका पालन करके सही द्रव्य विषयक सत्यता विचार पर पहुँचा जा सकता है। विचार की सत्यता का विज्ञान आकार विषयक ०081 भी हो सकती है और द्रव्य विपयक भी हो सकती है । ये दोनो ही तरक- शास्त्र के विपय है । किन्तु के अनुसार तर्कंशास्त्र केवल आकार विपयक नियमों का विज्ञान है । इस विचार के समर्थकों मे हैमिल्टन मैन्सेल और टामसन इत्यादि तर्कशास्त्री उल्लेखनीय है । की यह परिभाषा उसके क्षेत्र को अत्यधिक सकुचित कर देती है । दूसरी ओर अन्य तर्कशास्त्री तकंगास्त्र को केवल आकार विपयक सत्यता नहीं बल्कि द्रव्य विपयक सत्यत्ता का भी शास्त्र मानते है । यह दूसरा मत ही तर्कशास्त्र की अधिक उचिंत व्याख्या उपस्थित करता है । तर्कदास्त्र की परिभाषा को लेकर एक अन्य विवाद उसको विज्ञान अथवा कला मानने क रूप मे उपस्थित हुआ है । भआाल्डचि 10772 के बब्दो में तर्क॑- वास्त्र तक॑ की कला है । दूसरी आर टामसन 171001- विज्ञान और कला. 507 के अनुसार तकंदास्त्र विचार के नियमों का विज्ञान है । व्हेटली छ#/181169 ने तर्कशास्त्र की अपनी परि- भाषा में उसे विज्ञान और कला दोनों ही माना है । उसके शब्दों में तकंशास्त्र तर्क का विज्ञान और कला है । आल्ड्चि और टामसन की परिभापा की तुलना मे न्हेटली द्वारा दी गयी परिभापा अधिक उपयुक्त है । वास्तव मे तकंशास्त्र विज्ञान और कला दोनो ही है । उसका एक पहलू संद्धातिक है और दूसरा व्यवहारिक 167 है । वह विज्ञानो का विज्ञान और कलाओ की कला है । जैसा कि पीछे बतलाया जा चुका है की परिभाषा करने में उसको केवल विज्ञान कहने वाली परिभापाये उपयुक्त नही है । उदाहरण के लिये हैमिल्टन ने लिखा है कि तरकंशास्त्र विचार के आकार विपयक नियमों का विज्ञान है भारनोल्ड के शब्दों मे तकंशास्त्र सत्य के अनुसधान मे लगी हुई बुद्धि का विज्ञान ये दोनो ही परिभाषाये चुटिपूर्ण है क्योकि तर्कदास्त्र विज्ञान और कला दोनों ही है । अन्त मे तर्कशास्त्र की सबसे अधिक उपयुक्त परिभापा मिल के गद्दो में की जा सकती है । मिल के अनुसार तर्कशास्त्र बुद्धि की उन न्रियाओं का विज्ञान उ.0छा८ 15 घाट का. 0 ८50 1. 2. 1.0छ1015 पिट का 200 ए 6850 3. 1.0०छ्10 15 पघा& 0 16 0 1 501 4. 1.0०छ1८ पछाट 501लाए€ 01 06 1895 0 घा0घछा। 011 5. इ.०्ट्टा८ 15 घाट इटाहाएट 0 पट घराातेटाघाए0118 पा दि 0 पाए




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