भारतीय प्राचीन लिपिमाला | Bhartiya Prachin Lipimala
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12.47 MB
कुल पष्ठ :
304
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about महामहोपाध्याय राय बहादुर पंडित गौरीशंकर हीराचन्द्र ओझा - Mahamahopadhyaya Rai Bahadur Pandit Gaurishankar Hirachand Ojha
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शथूखी पत्र
किपिपत्र २० घा-मेयाढ़ के गुद्लिवंशी राजा अपराजित के समय के लेख से
९९ घा-राजा हपे के दानपत्र तथा राजा अशुष मंत्र, दुगगण भादि के लेखों स.
२२ धा-पंया पे राजा मस्घर्मन् के ५ लेखों में
श धा--प्रतिददारघंशी राज्ञा नागसट, बाउक झोग क्वदु क के लेखों से.
( नागरी लिपि--लिपिपत २४-२७ )
२४ घा-जाइक्देंच के दानपत्र, घिजयपाहा के लेख भर हस्तलिखित पुस्तक से
२४ घा-देवल, धार, उदयपुर ( ग्वालियर ) अर उद्ेन क लग्न से
९६ दा-चद्रदेघ के दानपघ्र, दस्त लिखत पुरतक श्रौर जाजललवेव के लेख से
२७ घा--परमार घार।घप, 'वाइमान घाचिगदघ और गुद्धित समरसिंद् के समय लेस्ती से
( शारदा लिपि--लिपिपत्र ८-३१ ).
रेप घां-सराहा से मिली हुई सात्यकि के समय की घशस्ति से
२६ घा--सुगल से मिले हुए राजा विद्ग्घ के दानपत्र से
३० सानमिन्न मिस्र दानप्रों श्र शिलालिखा से
३१था-छशुलू के राजा यहादुरसिंद के दानपश्र झार इस्तलिखित पुस्तकों से
( बंगला लिपि--लिपिपत्त ३२-३४ )
३९ धा--बंगाल के राजा नारायणपाल शोर घिजयसन के. समय के लेखों से
प्रे३ घधा-धंगाल के राजा लदमणसिन श्ौर वामरूंप के वेयद्घध के दानपत्रों से
३४ घा-धघर्लमेंद्र के द नपन्र और इस्तलिंग्वित पुस्तकों से
इ४ घां-दस्नाबोल के लख अर पुरुपात्तमदेघ के दानपत्र से,
( पश्चिमी लिपि--लिपिपह ३६-४० )
इ६ घां--राजा मरवमेन् और वु माग्युप्त के समय के मदसोर के लेखों से
इ७ ची--घलभी के राजा घर न छार घरसेन ( दुसरे ) के दानपत्रो से
पद घा-शाय्लक खिंहादित्य शोर घलमी के गजा शीलादित्य ( पाचघ ) के दानपत्रो से
३६ घा--शरैकूटकघशी दृद्सेन और शुजंरघशी रणप्रह तथा दुद्द ( दूसरे ) के दानपत्रं से
४० चां-'घालुध्य युघराज ध्याधय ( शीलादित्य ) झौर राप्ट्कूर < केराज के दानपत्रो से
( मध्यप्रदेशी लिपि--लिपिपतर ४१-४९ ).
४१ चां--घावाटव घंशी राजा प्रचरसेन ( दूसरे ) के सोम दानप् से
४२ घां-पृथिधीसेन, महासुदेव झऔर तिथविरदेव के दानपत्रा से
( तेलुगु-कनड़ी लिपि--लिपिपन्र ४३-५१ ).
४१ घा--पलव्लचवंशी राजा चिप्युगोपघमन 'मौर सिहवर्मन के दानपत्री से
भ्रष्ट चा-कद्बयशी राजा सगेशयमेन और काकुस्थवमंत्र के दानपत्रा से
एश चा-पघालुक्यपशी राजाझो के लख शोर दानपत्रा से
४६ घां-कंड्र से मिले इुए घालुप्यपशी राजा बीर्तिचमन्र ('दुर्परे ) के दानपत्र से
४७ चा--बडब से मिले इुए राप्ट्कूर दशा राजा प्रभूतचर्ष ( गोधिंद्राज तीसरे ) के दानपत्र थे
ध८ चा--पूर्षी सालुक्यदशी राजा मीम ( दूसरे ) अं।र अम्म ( दूसरे ) के दानपत्रो से
भ६ वां--कोरुमेदिल से मिले हुए पूर्वी शालुक्यवर्शी राज्राज के दानपत्र से
४० बां--काकसीययंशी राजा रद्रदेव झार गणुर्पात के समय के लेखा से
४९ चा-मामय मायक, झन्नदेस झौर गाणदव के दानप्रों से
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