ब्रह्मा - योग - विद्या | Brahma - Yog - Vidya

Brahma - Yog - Vidya by ब्रजमोहनलाल वर्मा - Braj Mohanlal Verma

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about ब्रजमोहनलाल वर्मा - Braj Mohanlal Verma

Add Infomation AboutBraj Mohanlal Verma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
शेर सिख पर यागिराज श्री गोताई दी 4 स्वार्मादयालजी महाराज हु नही कस संचिस परिचय । .... दी के सनक नल तिथि भो वास्थावस्थासे हो साधु-महात्माओं के दर्शनों कौ उल्कट अमिलाषा बनी रहती थी। . १२ वें नजर को अवस्था में, मैंने एक रात्रि को यह स्प्न. देखा कि; में रेल पर सवार दो, हसन-अब्दाल ( जिला रावल- पिरडी ) चला जा रहा हक । स्टेशन पर पहुँच कर मैंने बढ़े चौढ़े प्लेटफार्म देखें। मैं एक छोटे नगर का निवासी हूँ। बचहां पर उस. समय रेल आगई थौ; परन्तु मैंने बढ़ी लाइन के स्टेशन नदीं देखे थे । जो सुभे मिलता, उसो से मैं खामी- दयालजोका पता प्ूछता। एकने मुभको उनका -आशम : और रदनेका मकान बतला दिया | मैं, उनके पास- गया । वे सुकसे बढ़े प्रेससे मिले । मेरे साथ बाहर घूमने चले गये ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now