सभा - शास्त्र | Sabha Shastra
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
41.75 MB
कुल पष्ठ :
270
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about न. वी. गाडगिल- Narhar Vishnu Gadgil
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्र सभा-शास्त्र राष्ट्र के सन् १६१०क्े शासन-विधान में इस द्ाशय की धारा थी कि सूचना दिये बिना निःशस्त्र दर शान्तिपूवक एकत्र होने का श्रधिकार सब जमनों को है आर केवल खुली जगह में होने वाली सभा की पूवं सूचना पुलिस-दधिकारियों को दी जानी चाहिए । उस शासन-विधान के द्नुसार पुलिस को सावंजनिक शान्ति- भंग होने की प्रत्यक्ष सम्मावना न होने की दशा में सभा बन्द करने का नहीं था । रूस के सन् १६ १८के शासन-विधान की घारा १४ से उस देश मैं इसी. प्रकार की व्यवस्था की गई थी । उसमें लिखा इुआ्आा है-- सम्पूण सभा-स्वातंत्रय को सुरक्षित रखने के लिए यह प्रजातन्त्र राज्य अपने नागरिकों का स्वतन्त्रता- पूवक सभा करने जुलूस निकालने श्रादि का दधिकार स्वीकार करता है श्और वे सब सावजनिक इमारतें उनके मेज कुरसी दि सामान उनके रोशनी के इन्तजाम श्रौर जाड़े में उन्हें गरम करने के प्रबन्ध के साथ आपने मजदूरों श्र किसानों के झधिकार में रखता है जो सावजनिक समाश्रों के लिए सुविधाजनक हों । 0 लाइपाद ८0ए 180 0 पा एंए 0 105. दि वर्धा 0 0875६ ए००७551015 घ्ाए 50. 0 ए19.065 घ. ताडए05. एव 1५5 छापे ह. ८०एप्लाडाए हि फपणीट 06016 रा 85 घाएत 0 रूस के सन् १६३६ के शासन-विधान मैं भी मुद्रणु-स्वतन्त्रता और समा-स्वतस्त्रता 1रिट6 ०88 घातं 85560- ७19४6 जारी रखी गई है । डनमाक के शासन-विंघान की धारा ८६ के अनुसार नागरिकों को निःशस्त्र एकच होने का अधिकार है सावजनिंक सभा पुलिस उपस्थित रह सकती है ग्रौर खुली जगह की सभा के कारण सावं- जनिक शान्ति के लिए खतरा पैदा दो तो वह बन्द की जा सकती है । ऊपर के श्रनुच्छेदों में इस बात का दिर्द्शन कराया गया है कि मिन्न- भिन्न देशों के शासन-विधानों में समा-स्वातंत््य और संघ-स्वातन्त्य के सम्बन्ध में क्या-क्या व्यवस्था है। उपयुक्त सब देशों की शासन-व्यवस्था लिखित है। लिखित शासन-व्यवस्थाद्ों मैं तथा शासन-विधानों में नागरिकों के मौलिक कारों का स्पष्ट उल्लेख रहता है । इसके विपरीत जिन देशों में शासन-विधान नहीं होता उनमें इन अधिकारों का उल्लेख नहीं रहता । इगलैंड की शासन- व्यवस्था लिखित नहीं है । वहाँ किसी एक कानून से नागरिकों को उनके मौलिक स्व्व प्रदान किये गए हैं । इंग्लैंड के नेतत्वर में जिन देशों की शासन-व्यवस्था बनी है उनमें भी यही स्थिति है | कनाडा दच्तिण अफ्रीका त्योर द्ास्ट्र लिया मैं
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