भारतीय संस्कृति एकता के स्तम्भ | Bhartiy Sanskriti Ekta Ke Stambh

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Bhartiy Sanskriti Ekta Ke Stambh by रूपनारायण - Roopnarayan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भारतीय सांस्कृतिक एकता के स्तम्भ ডো दिल्ली स्थित मुख्य कार्यालय के प्रमुख जँ ए के मर्चन्ट का भी आभारी हू जिन्होने कमल मदिर के चित्र व उसका विवरणं भिजवाया हे । पहाड' नामकं ग्रन्थ के यशस्वी प्रकाशक व सम्पादक डँ शेखर पाठक नैनीताल) ने कैलाशा ओर मानसरोवर के चित्र उपलब्ध कराकर अपना योगदान प्रदान किया हे, उसके लिए भी मे उनका ऋणी हूं। भारत के अनेक क्षेत्रो मे स्थित विभिन्न दरगाहो के प्रबधको का भी मैं आभारी हूं जिनके माध्यम से इन दरगाहो के विवरण व चित्र प्राप्त हुए है। मैं अनेक गिरजाघरों और मंदिरों के प्रबंधकर्ताओं का भी आभारी हूं जिन्होने विभिन्‍न गिरजाघरो व मंदिरो की जानकारी चित्रो सहित उपलब्ध करायी हे । श्री गगा सभा हरिद्वार का भी मै ऋणी हू जिन्होने विश्व विख्यात व हिन्दुओं के प्रमुख आस्था स्थल हरिद्वार का विवरण चित्रो सहित भिजवाया हे । भारत सरकार के पुरातत्व विभाग ने भी अनेक मदिरो के विवरण व चित्र भिजवाकर अपना योगदान प्रदान किया है । इन सबके अतिरिक्त ओर भी अनेक महानुभाव हे जिनका योगदान मुञ्च प्राप्त हुआ हे ओर मँ उन सबके प्रति आभार व्यक्त करता हू | इस पुस्तक के लिए उपयुक्त सामग्री जुटाने मे डेढ वर्षं से अधिक का समय लगा ই ओर इस कठिन परिश्रम के उपरात भी कुछ स्थानो के चित्र प्राप्त नही हुए हे, जिसका हमे खेद हे । गांधी शांति प्रतिष्ठान के पुस्तकालय के सेवानिवृत्त ग्रन्थपाल श्री हरीशचन्द्र पंत के प्रति भी मैं अपना आभार व्यक्त करता हूं जिन्होने इस पुस्तक मे छपी सामग्री का बहुत तन्मयता से प्रूफ रीडिग किया हे तथा भाषा संबधी अनेक त्रुटिया दूर की हे | एसे ही कुमारी सावित्री नेगी ने पाच सौ पृष्ठो से अधिक की सामग्री बहुत सुदर ओर साफ हिन्दी मे टाइप की हे जिस कारण पुस्तक की छपाई का कार्य सहज हुआ हे । संजीव कुमार जिन्होने इस पुस्तक की कम्प्यूटर डिजाइनिग की हे, उनके प्रति भी मँ आभार व्यक्त करता हू | प्रारंभ मे इस पुस्तक की पृष्ठ संख्या अनुमान से अधिक हो गई थी तथा एसे ही जिन स्थानो का विवरण व चित्रो का समावेश पुस्तक मे होना था, उनकी सख्या भी अपेक्षा से अधिक हो गई थी | समस्या यह थी कि पृष्ठो व स्थानो का विवरण किस प्रकार मर्यादित सख्या तक सीमित किया जाये जिससे पुस्तक की मूल भावना को कोई ठेस नहीं पहुचे | इस जटिल गुत्थी का समाधान गाधी शांति प्रतिष्ठान द्वारा प्रकाशित “गांधी मार्ग' पत्रिका के




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