कर्मग्रन्थ भाग 3 | Karm Granth Part 3
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
303
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)गाथा १५ । पृ० १४-६२
औदारिकमिश्र काययोग का चौथे, तेरहवें गुणस्थान का वन्ध-
स्वामित्व न्
कार्मण काययोग का वन्धस्वामित्व চল
आहारक काययोग द्विक का वन्धस्वामित्व ६०
गाया ९६ पृ० ६२-६७
वैक्रिय काययोग का वन्ध स्वामित्व ९३
वैक्रियमिश्र काययोग का वन्धस्वामित्व ` ६३
वेदमार्गणा का वन्धस्वामित्व ६५
अनन्तानुवन्धी कषाय चतुष्क का बन्धस्वामित्व ६१५
अप्रव्याख्यानावरण कषाय चतुष्क का वन्धस्वाभित्व ६१
प्रत्याख्यानावेरण कषाय चतुष्क का वन्धस्वामित्व ६६
कषायमा्गणा का सामान्य वन्ध-स्वामित्व ६६
गाथा १७ पृ० ६८५७३
संज्वलन कषाय चतुष्क का बन्धस्वामित्व ६८
अविरत का वन्धस्वामित्व ६८
अज्ञानचिक का वन्धस्वामित्व ६६
चक्षुदशेन, अचक्षुदशंन का वन्धस्वामित्व ७१
यथाख्यात चारित्र का वन्धस्वामिते्व ७१
गाथा १८ प° ७३-७७
मनःपर्याय ज्ञान का वन्धस्वामित्व ७३
सामायिक, छेदोपस्थानीय चारित्र का वन्धस्वामित्व ७४
परिहार विशुद्धि संयम का वन्धस्वामित्व ৩
केवल ज्ञान-दर्शन का वन्धस्वामित्व ७४
মনি, গু व अवधिद्धिक का वन्धस्वामित्व ७५
गाया १६ पु० ७८-८१
उपशम सम्यक्त्व का वन्घस्वामित्व ७७
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