षोडश संस्कार | Shodash Sanskar लालाराम जी शास्त्री - Lalaram ji Shastri

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Shodash Sanskar लालाराम जी शास्त्री - Lalaram ji Shastri by लालारामजी शास्त्री - Lalaramji Shastri

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about लालारामजी शास्त्री - Lalaramji Shastri

Add Infomation AboutLalaramji Shastri

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
समप्रिघा ७ दर्भासन पर पद्मासन मारकर पश्चिमकी झोर ( प्रतिमाके सन्मुख ) मुख कर बेठे। होमादि द्ब्पोंको यथास्थान स्थापनकर परिचारकोंको ( सहायता देनेवाले शिव्यवर्गों को ) झपने २ काममें नियुक्त करे। दोमकी समाप्ति पयन्त मोनघ्रत धारणकर परमसात्माका ध्यानकर श्री जिनेन्द्रको आअ्प्य दे, तपंण कर बीचके तीथेकर कुएइमें सुगंधि द्रव्यसे झग्निमंडल लिखे। अग्विमंडलका चित्र यह है :-- अनन्तर एक दभपूलमें थोड़ासा लाल कपड़ा लपेटकर मन्त्र पढ़ते हुए अधिको जलावे साथमें घी भी डालता जाय । अपन जलानेके बाद आचमन प्राणायाम




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now