माध्यमिक भौतिक विज्ञान भाग 2 | Maadhymik Bhautik Vigyaan Part 2

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Maadhymik Bhautik Vigyaan Part 2 by प्रो. रतीराम शर्मा - Prof. Ratiram Sharmaबी. एन. कार - B. N. Car

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सरल झ्रावत्त गति श्र तरंगें | 2.5. सरछ आवत्तं गति का लेखाचित्र इश्थ्फुछ प--समय को आवत्तंकाल के ग्रंशों में बदल कर 2-ग्रक्ष पर प्र मध्यस्थिति से विस्थापन को -अक्ष पर लेकर खींचे गये ग्राफ द्वारा यह बड़ी सरलता से दिखाया जा सकता है कि स० श्रा० ग० करने वाले कण का विस्थापन समय के श्रनुसार किस प्रकार बदलता है। येसे समीकरण _ ् # आंत ८०८ से प्रकट है यह वक्त ज्या-वक्र इताइड एप जेंसा होना चाहिये । कल्पना कीजिये कि कण सरल रेखा 0४ पर दोलन करता है । 0 उसकी मध्य स्थिति श्र 0४-०४ उसका श्रायाम है । उसका श्रावर्तत काल 7 8८८ है । चित्र 4. 0२ को व्यास मान कर एक संकेत वृत्त एदिप्टपटट ८टा७ धारा सं०2 की भार्ति कैल्पना कीजिये कि एक कण वृत्त की परिधि पर 2 श्रावत्त काल से चक्कर लगा रहा है खींचिये। वृत्त का एक दूसरा व्यास 20 पहले ऊर्ध्ब व्यास ४0४ के लम्ब रूप खींचकर श्रागे बढ़ाइये । इस प्रकार 2 ता ४ से वत्त की परिधि चार बराबर भागों में विभक्त हो गई। आब इन चारों भागों में से प्रत्येक को तीन बराबर भागों में बांटिये । मान लीजिये विभाजक जिस्टू ४ उस 2 हे उग ा 0 ही हैं। इस प्रकार वृत्त की परिधि 12 बराबर भागों में बंट गई । प्रब जनक विन्दु 7 7712 समयान्तर से 2? 2. श 2 . . .ग्रादि स्थितियों में होता हुआ चक्कर लगायेंगा । ः शैतिज व्यास 2 02 के बढ़े हुए भाग में किसी बिन्दु 0 पर एक लम्ब 0४ लींचिये । ग्राफ के लिये क्षेतिज रेखा 02 .#-अ्रक्ष पर समय श्रौर ऊर्ध्ब लम्ब 0९४ ९ -ग्रक्ष पर विस्थापन होंगे । 0 पर एक विन्दु 12 लीजिये श्रौर कल्पना कीजिये 0-1 दूरी दी व को व्यक्त करती है। इस दूरी को 1 2 . . . विन्दुप्रों से 12 बराबर भागों में बांटिये तो प्रत्येक भाग 7712 ४८८. को दशयिंगा । कण के धनात्मक विस्थापन म्रक्ष के ऊपर श्रौर ऋणात्मक विस्थापन उससे नीचे द्शयिंगे । ल्‍




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