बंकिम चन्द्र | Bankim Chandra
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
86
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)वकील : वह् दाल-भात आता कहा से है ?
कमला : भगवान के देने से ही मिल जाता है, नहीं
तो नहीं भिलता ।
वकील : कितना कमाते हो ?
कमला : एक पैसा भी नही ।
वकील . तो क्या चोरी करते हो ?
कमला : ऐसा होता तो इसके पहले ही आपकी
शरणागत हौ जाना पड़ता ; आपको कृ हिस्ता भी
मिलता ।
वकील ने यह दायित्व छोडकर हाकिम से कहा :
में यह साक्षी नहीं चाहता । मे इसकी जबानबदी नहीं
करा सकता ।
वादिनी प्रसन्न ने वकीक की कमर पकड़ ली ।
बोली * इस साक्षी को छोडा न जायेगा। यह ब्राह्मण
सच बात कहेगा, यह् में जानती हँ--यह् कभी झूठ
नहीं बोलता। उससे तुम लोग पूछना नही जानते,
इसलिए वह ऐसा कर रहा है। उस ब्राह्मण का ইহা
वया होगा ? वह इस घर मे, उस घर मे जाकर खाता
फिरता है। उससे पूछ रहे हो, उपाज॑न क्या करते
हा । वह् वया बताये २
दकोठने तवदहाफिमसे कहा. च्खि लीजिए,
पेया भिक्षा ।
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