आरोग्य - शास्त्र | Arogya Shastra

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Arogya Shastra by श्री चंद्रसेन वर्मा - Shri Chandrasen Verma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सादे वित्रों को सूची नगर. चित्र इश डिब-्कोप की रचना ६६ श्रच्चेदानी की लुझावदार भिल्ली ६७ बच्चेदानी की सिल्ली गर्भ पर द्िपटी है दघ इस सिल्ली की बनावट दे इ-७४ गर्भ की क्रमश उत्पत्ति ६ चित्र ७श-७७ गर्म की क्रमश चृद्धि ३ चित्र १०१० ७ ॉवल की बनावट ७६. गर्स की सासिक वृद्धि ८० पॉच सप्ताद का गर्भ... कि १ थ्राठ सप्ताद का गर्भ... कि सर गर्भ का विकास ८३ उद्रस्थ गर्भ थ द स४ श्रवण-परीक्षा से गर्भ का रक्त-संचार प६. पूर्ण गर्भ स७ प्रथम स्पर्शन सच हिंतीय स्पर्शन सश तृतीय स्पर्शन ३०. चतुर्थ स्पर्शन की ३१ नाल का बाहर निकालना ६२-६६ शिरोद्य के भिन्न-भिन्न रुप ८ चित्र १००-१०८ प्रसव के सिन्न-सिन्त रूप 8 चित्र १०६ शिरोद्य .. ... मी झ १1० वच्चेदानी को द्वाना १११ गर्भाशय का संकचित होना ११२ झण-कपाल ११३ ऑ्रुख-कपाल का व्यास ११४०११७.मसूढ़ गर्भ के मिन्न-सिन्न रूप श्चित्र ... ० ः ११८ लोड़िए बच्चे ११४ स्वस्थ शिशु... १२० सबसे उत्तम गाडी द छ १२१. बच्चे को लिटाने की रीति १९९. दूध पिलाने के लिये उठाने की रीति १९३. बोतक से दूघ पिलाने की रीति प्छ € जज पृ ०८७ प८८७ १०१ ०२ १० १०३ १०३ १८०४ १०४ १० १०६ १०७ १०५८ १९७ परने १२२ १२३ १९३ १९४ १२३ १५२६ १९६ १२७ १२९८ पर८ १३२ १३३ १३७ १३६ १४० १४४ ११ श्श् नंबर. चित्र पूछ १९४ बाहरी दूध पिलाने की सारिणी पर ५१२१ बच्चे का तालने की रीति १६१ १२६ यच्चा के वख ... १६ १२७ वच्चा के चस्त् १६४ १२८ बच्चे को स्पज करने की रीति १६६ १९२९६ बच्चे का सुख साफ़ करना १६७ १३० बच्चे के स्नान की तेयारी १६७ १३१५ बच्चे का रनान धन न. १पूस १३९ बच्चे का बिस्तर सर १७०७ १३३ दूघ का वैज्ञानिक विश्लेषण .... ४३ १३४ उनके सूच्-झवयव की सारिणी .... २२९ १३ शाक फल घर सेवा के सूल-धवयव की सारिणी -.. रेशप १३६-१३७ खाद्य उप्यता की माप केंलोरी से ९चित्र . गंध २४३-२६४ १३८ किस मद्य से कितना मद है 8४ १३६ मास थार वनस्पति के पोपणु-तश्व की सारिणी दि न रेपिर १४० सास-भक्षण की इष्टि से डॉक्टरों की सख्या थ चल शेप १४१५-१४३. पिस्सू की अवस्थाएँ दे चि£ ३२७ १४४. मक्खी की टॉग में हजारो रोग-जंतु है लिपट रहे हैं . दर न . पे व४६-१४८ मक्खियों की चार छवस्थाएँ ४ चित्र ३३० १४४-११४१. सक्खी की टॉग सें लिपटे हुए .. कीदाछु दे चित्र 0. .. ३३१ ११९ शीशे पर सक्खी ने इतने कीटाणु छोड़े हैं. ३३१ १४३ चोद़ी पट्टी पर दाथ लटकाया गया है. ४०६ १५४-११३. सकरी पट्टी पर दाथ लटकाया है ९चितन्न कम ४१० १४६. बाँह की ऊपर की दृट्डी दट गई है ४१० १५७. हाथ हृदय से ढँचा करने से गन निकलना बंद दो गया हे .... ४9१ ५१८ पैर ऊपर उठाने से रक्त कम वद्देगा ..... श9३.




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