द्रव्याणुरोग प्रथम प्रवेशिका | Dravyanurog Pratham Praveshika
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
589 KB
कुल पष्ठ :
62
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(११)
१ प्रकृतिग्रध | १४८ प्रटदिका बधका होना ।
३ स्थितिबन्ध । क्मोड्ठि स्ितिका बन्ध |,
३ अनुमागवन्ध कर्मेक्रि अम्दर रस्का पड़ना ।
$ प्रदेशबन्ध | प्रदेशोंका बध दोना |
प्रश्न --मोक्षतत्तका वया लक्षण है ।
उत्तर --अष्ट कर्मोत्ते मुक्त करे उसे मोक्षतत्व कहते हैं
निप्तता भेद चार क्रमसे पढ़े |:
प्रथम ज्ञान, द्वितीय दन, तृतीय चारित्र, चतुथे तपश्चये इति |
(१५) आत्मा आह-द्वव्यात्मा, कपायात्मा, योगात्मा,
उपयोगात्मा, शानात्मा, दर्शनात्मा, चारित्रास्मा, बीयीत्मा |
(१६) दडक २४-सात नारकीका एक बटक ( सात
नारकीका नाम ) घमा | बद्या २ शिक्ष ३ भमणा ४ रिठा ९
मषा ६ माधवती७ (सात नारफीकागोज) रत्नप्मा है शर्कराप्रमा
| दालुकाप्मा ३ पक्प्रमा ४ धृमप्रमा ९ तमप्रमा ६
तमतमाप्रमा ७
दश्च भुवनपतिश्न दूध दडक दश भुवनपतिके नाम अछुर-
कुमार १ नागझुमार २ सझुवरणेक्रमार ३ विदुत्कुमार 9७ भग्निद्धमार
* दीपकुमार ६ दिशिक्ृमार ५ उदचिकुमार ८ वायुदुमार ९
स्तनितकुमार १०
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