घर की रानी | Ghar Ki Raani
श्रेणी : कृषि, तकनीक व कंप्यूटर / Computer - Technology
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
153
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१२ घर की रानी
इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि पुरुष
घरे जीवन के सदाचार से बहुत गिर गया दहै। समाज के,
क्षेत्र में उसने लम्बे-चोड़े तकाँ, लम्बी स्पीचों
यह विस्मृति ओर ओर ऊँचे सिद्धान्तों की व्याख्या करने का ठेका
आत्मवश्चना ! ज़रूर ले लिया है, पर घर के अन्दर वह
उदासीन, आत्मवद्चनापूर्ण ओर अनुदार भाव-
नाओं और वृत्तियों का अभिनेता है । मेने अनेक समाज-सुधारकों
को देखा है, ओर देश के कई प्रसिद्ध प्रान्तीय ओर भारतीय
नेताओं के साथ भी रहा हूँ । मेरा अनुभव है कि इनमें से बहुत
कम का घरेलू जीवन ऐसा है, जिसके बीच शान्त, संयत एवं
सुखमय गृहस्थ धमे पनप सके । या तो उनका अप्राकृतिक अथवा
असाधारण विकास हो ग्रया है, और उस तेज़ी की बाढ़ में
उनके कुटुम्बी उनके साथ चल नहीं सकते है या शक्ति एवं सत्ता
प्राप्त करने की धुन में उन्होंने अपनी नेतिक दिव्यता को भुदा
दिया है, ओर व्यावहारिक राजनीति एवं समाज-नीति के
विशेषज्ञ बनने की चिन्ता में केवल तार्किक बन रहे हैं। में कई
ऐसे नेताओं को भी जानता हूँ जो सावजनिक जीवन में अपने
कष्ट-सहन ओर सादी जीवन-विधि के कारण तपस्वी ओर
ओर साधुमना के नाम से विख्यात हैं ओर जिनकी ओर अंगुली
उठाना साहस का काम है पर जिनका गृहस्थ जीवन अत्यन्त
खोखा ओर दं मपू है । शिक्षित समाज की अजब हाछत है।
हमारी शिक्षा का क्रम कुछ ऐसा है कि हमारे अन्दर महत्वा-
कांक्षाएं ओर उद्वंग तो खूब प्रबल कर रहा है, पर उनका शासन
करने वाली नेतिक शक्तियों का विकास बिल्कुछ रुक गया है।
जीवन की बहुत हो अनुभवहीन ओर कच्ची अवस्था में युरोपीय
नायिकाएँ, किताबों के परदे में, हमारे साथ हो जाती हैं, और
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