हिन्दुस्तान की समस्याएं | Hindustan Ki Samasyayen

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Book Image : हिन्दुस्तान की समस्याएं  - Hindustan Ki Samasyayen

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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द्‌ हिन्दुस्तान की समस्याये उन्होने “भारत माता की जय? के नारे लगाये । “यह सब 'वन्देमातरम' ओर “भारतमाता की जयः किस लिप है ९” मैंने पूछा । कोई उत्तर नहीं । पहले उन्होंने मुझे घूरकर देखा और फिर एक- दूसरे करा मह ताकने लगे | दिखाई पड़ता था कि मेरे सवाल करने से कुछ परेशान हो उठ हैं। मेने सबाल दोहराया--“'बोलिए, ये नारे लगाने से आपका क्या मतलब है ९” फिर भी कोई जवाब नहीं मिला | उस जगह के इ'चाजे कांग्रेस-कायकत्ता कुछ खिन्न से हो रहे थे। उन्होंने हिम्मत करके सब बातें बतानी चाही; लेकिन मेने उन्हे प्रोत्साहन नहीं दिया। “यह “माता? कौन है, जिसको आपने प्रणाम किया है और जिसकी जय के नारे लगाये हें ९” मैंने फिर सवाल किया । वे फिर चुप और परेशान-से हो रहे । ऐसे अजीब सवाल उनसे कभी नहीं किये गए थे । सहज भाव से उन्हाने सब बातों को मान लिया था। जब उनसे नारे लगाने के लिए कहा जाता था, वे नारे लगा देते थे। उन सब बातों के समभने की उन्होने कभी कोशिश नहीं की । कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने नारे न्गाने के लिए कहा तो ये उज्‌ कैसे कर सकते थे । वे तो खूब ओर से {री ताकत लगाकर चिल्ला देते थे । बस, नारा च्छा होना चाहिए । इससे उन्हें खुशी होती थी और शायद इससे उनके प्रतिद्वन्द्रियों को कुछ डर भी होता था। अव भी मेने सवाल करना वन्द्‌ नहीं किया । बेहद हिम्मत करके एक সামী ने कहा, कि माता' का मतलब धरती, सेहे । उस बेचारे किसान का दिमाग धरती की ओर गया, जो उसकी सच्ची मां हे; भला करने ओर चाहने वाली है । “कौन-सी “धरती” ९? मैंने फिर पछा, “क्या आपके गांव की “धरती? या पंजाव की, या तमाम दुनिया फी ? इस पेचीदा सवाल से वे और परेशान हुए । तब बहुत से लोगो ने चिल्लाकर कहा, कि इस सबका




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