शिव सिंह सरोज | Shiv Singh Saroj

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Shiv Singh Saroj by पं. रूपनारायण पाण्डेय - Pt. Roopnarayan Pandey

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( है ) ५ बलदेव कवि बप्रेलखणएडी करत सत्‌्बि-गिरा-विलासर नाम सेग्रह, जो संवत्‌ १८०३ मेँ बनाया गया, ओर जिषे १७ महान्‌ कवीश्वरों के कवित हैं । दे बाबूहरिश्चन्द्र बनारसी कृत सुंदरीतिलक नाम संग्रह, जो संवत्‌ १६३१ में बनाया गया। और जिसे ६७ कवियों के भरृगाररस के सुंदर-सुंदर संबया हैं । ७ ठाकुसससाद कवि किशनदासपुरी का रसचंद्रोदय नाप सग्रह, जो संवत्‌ १६२० में रचा गया, ओर जिसमें २४२ कवियों के & रस के कवित्त हैं । ८ मातादी न मिश्र-क्त कवि रत्ञाकर नाम संग्रह, जो संवत्‌ १६३३ में छापा गया; ओर जिसमें २० कवियों के कवित्त हें । & मदेशदत्त पणिडित-ढरत काव्यसेग्रह नाप संप्ररः जो संवत्‌ १६३२ में छापा गया । १० कृष्णानन्द व्यासदेत स्रामी-कृत रागसागरोद्धव-रागकल्पद्म नाम संग्रह, जो संवत्‌ १८०० में बनाया गया। ओर जिसमे प्रायः २०० पहात्माओं के पद लिखे हैं । ११ टाड साहब रज़ीडंट राजपूताना-कृत ठाड राजस्थान नाम इतिहास जो संवत्‌ १८८० में बनाया गया; और जिसमें प्राचीन कवीश्वर चंद इत्यादि का वणेन है । १२ करूण, जोनराज इत्यादि-कृत संस्कृत कार्मःर-राजतरं- गिएणी ओर रघुनाथ मिश्र व्िचाप्रर-कृत संस्कृत दिली -राजतरेभरणी) राजावली ग्रैथ/ जिसमें पाँचहज़ार वर्ष तक के समाचार लिखे हैं । १२ त॒लसीदास-कृत उदू भक्गमाल; जो संवत्‌ १६११ में बनाया गया, भौर जिसमें सूरदास इत्यादि भक्त कवौश्वरों के जीवनचरित्र लिखे हैं ।




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