बृहद विशाल सामुद्रिक विज्ञान | Brihad Vishal Samudrik Vigyan

Brihad Vishal Samudrik Vigyan by राजेश दीक्षित - Rajesh Dixit

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about राजेश दीक्षित - Rajesh Dixit

Add Infomation AboutRajesh Dixit

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
स्वास्थ्यरेखा पाइचात्य-पद्धति चन्द्र-क्षेत्र अथवा हथेली के नीचे किसी भी भाग से आरभ होकर जो रेखा कनिष्ठा उगली के नीचे बुघ-क्षेत्र पर भ्राकर समाप्त होतो है उसे स्वास्थ्य-रेखा झ्रथवा श्ारोग्य-रेखा 1०७७ 0०4 ८७1४५ कहा जाता है । पाश्वात्य विद्वाद्‌ इस रेखा को हिपेटिक सि७फुक& ७ नाम से भी पुकारते हैं । चूकि यह रेखा बुध-क्षेत्र को झोर जाती है रत. कुछ विद्वाद्‌ इस रेखा को बुघ-रेखा के नाम से भी पुकारते है । जेसाकि पिछले प्रकरण मे बताया जा चुका है प्राच्य भारतीय विद्वाच्‌ इस रेखा की गणना ऊष्व रेखाशओ मे करते है श्रौर इसके द्वारा जातक के व्यवसाय सौभाग्य श्राथिक स्थिति एव सम्मान श्रादि के सम्बन्ध मे विचार करते है । यह रेखा प्रत्येक व्यक्ति के हाथ मे पाई जाती हो--ऐसी वात नहीं है । पचास प्रतिशत हाथो मे यह रेखा विल्कुल ही देखने को नही मिलती । सामुद्रिक-शास्त्रियो के मतानुसार इस रेखा का हाथ पर बिल्कुल न जह्लोना एक धुभ लक्षण ही है। जिन व्यक्तियों के हाथ मे यह रेखा बिल्कुल ही नही होती वे श्रपेक्षाकृत अधिक स्वस्थ रहते है परन्तु जिन व्यक्तियों के हाथ मे यह रेखा हो तो रेखा का स्पष्ट सुन्दर सबल तथा निर्दोष होना आवश्यक है । दोष पुर्ण रेखा जातक के स्वा- स्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है भरत दोष पूर्ण रेखा होने के स्थान पर इस रेखा का बिल्कुल ही न होना प्रत्येक स्थिति में झच्छा है ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now