हिन्दी कृष्ण भक्ति - काव्य पर पुराणों का प्रभाव | Hindi Krishna Bhakti - Kavya Par Purano Ka Prabhav
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
27 MB
कुल पष्ठ :
237
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अध्याय १
हिन्दी कृष्णभक्ति-काव्य को प्रभावित करनेवाले
पुराणां का परिचय
संस्कृत साहित्य में अठारह महापुराण और अ्रठारह उपपुराण प्रसिद्ध है ।
महापुराण निम्नलिखित हैं :--
१--श्रीमद्भागवत १०--भविष्य पुराण
२-- विष्णु पुराण ११ गरुड पुराण
२-- बरहमवैवर्त पुराण १२--न्रह्याण्ड पुराण £
४-बहन्नारदीय पुराण १३- ब्रह्य पुराण
५-पदूम पुराण १४--वायु पुराण
$६--बामन पुराण १४-स्कंद पुराण
७-मत्य पुराण... १६--माकण्डेय पुराण
८-वाराह पुराण १७- अग्नि पुराण
£--कूम पुराण १८-लिंग पुराण
इन अठारह महापुणणों में से प्रथम छः पुराण वैष्णव पुराण हैं। अन्य
बारह पुराण शैव और ब्राह्म हैं | द
अठारह महापुराणों में से लगभग आधे पुराणों का सम्बन्ध वैष्णव धरम
तथा कष्ण भक्ति से नितांत स्फुट है । शेष मे भीमद्भागपत, विष्णु, ब्रह्मवैवत्ते,
नारद और पद्म--इन पाँच पुराणों में विष्णु के आध्यात्मिक रूप तथा महिमा
का व्यायक और सर्वाज्धि सुन्दर वर्णन किया गया है, जिसने हिन्दी कृष्णभक्ति-
कात्य को बहुत प्रभावित करिया है | वामन, मत्स्य, वाराह श्रौ कूृम--इन
चार पुराणों का नामकरण तथा निर्माण भगवान् विष्णु के चार अबतारों को
लक्ष्य करके रखा गया है, किन्तु हिन्दी कृष्णभक्ति-काव्य को प्रभावित करने
में इनका बहुत कम हाथ है| कृम पुराण यद्यपि नाम से केष्णवपुराण प्रतीत
होता।है; किन्तु इधमें शिव की महानता को विष्णु से अधिक दिखाने का प्रयत्न
किया गया है। अतः कूम पुराण को वैष्णव पुराणों के अन्तर्गत भी नहीं रखा
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Mona singh
at 2020-04-14 16:36:16