शासन पर दो निबंध | Shasan Par Do Nibandh

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Shasan Par Do Nibandh  by भगवतीशरण सिंह - Bhagwatisharan Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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न= १ ९ ~~ से असंगत है। वास्तव में 85599 की प्रथम और द्वितीय पुस्तकें चतुर्थ पुस्तक के लिए भूमिका प्रस्तुत करती हैं जिसमें ज्ञान के मूल तथा उसकी निश्चयात्मकता और सीमा को निर्धारित करने का प्रयत्त किया गया है। लॉक के अनुसार उसके 85599 का यही मुख्य ध्येय है। इस दृष्टिकोण से विचार करने पर 18589 के अनुभववाद (छणए़संलंज्फ) और टू ट्रोटिजेज के बुद्धिवाद (प्राकृतिक विधान की धारणा सम्बन्धी) का जो विरोध प्राबः प्रदर्शित किया जाता हैं वह अतिरण्जित और अ्रामक है, क्योंकि वह 85595 के वृद्धिवादी स्वरूप की उपेक्षा करता है 1 प्राकृतिक विधान को लॉक वुद्धि का विधान मानता है। इसका ज्ञान गणित था ज्यामिति के ज्ञान की ही तरह प्राप्त होता है। किन्तु गणित और नीतिश्ञास्त्र में एक विद्येप अन्तर है। नैतिकता की कल्पना ईहवर के अस्तित्व के विना नहीं की जा सकती 1. कारणवाद के सिद्धान्त के आधार पर हम अपने अस्तित्व के ज्ञान से ईश्वर के अस्तित्व का अनुमान करते हैं। प्राकृतिक विधान उसी की सृष्टि हैं। ईश्वर और प्राकृतिक विधान के सम्बन्ध के विपय में राजदर्शन के इत्तिहास में दो प्रसिद्ध मत रहे हैं । मध्य- युग के कुछ विचारकों के अनुसार प्राकृतिक विधान की उत्पत्ति ईब्वर में व्याप्त बुद्धि से है। ईश्वर अपनी इच्छामात्र से इसमें परिवर्तन नहीं कर सकता प्राकृतिक विधान इसलिए ठीक नहीं है कि वह ईदवर का आदेश है वल्कि ईश्वर ने उसे इसलिए समा- दिष्ट किया है कि वह स्वतः ठीक है। ये विचारक {२८१115४5 कहे जाते हु । विधान- शास्त्र (]प्159770०7०८) में यह सिद्धान्त ভুভ্িলাহ ([)0৩110050211570707% ०13} के नाम से प्रचलित है जिसके अनुसार विधान संप्रभु (50ए००ं2०) की बाज्ञा (८०7्रा7४70 ) नहीं है, वल्कि प्रकृति एवं मानव में निहित बुद्धिसंगत व्यवस्था की अभिव्यक्ति है। इसीलिए वहु शासक तथा शासित दोनों को बाध्य करता है । इसके विपरीत कप0111171211505 कहे जानेवाले विचारकों का मत यह है कि प्राकृतिक विधान ईववर की इच्छा का द्योतक है। देवी इच्छा पूर्णं स्वतन्त्र हँ । वह्‌ वौद्धिकता 1. लाक के दर्शन के वुड्धिवादी पहल को महत्त्व देनेवाली कृतियों में ये मुख्य हैं--.3. <. [15560 668 775847 09%772 7244 4/4/74/7%% (০6০৫5 1894) [00:9485000. %00. 01553 00065 01500 17982522992 /2//16 27৫ 215 1575/9/7/2/ 11777 (02505195৩, 1917)7 000516 0800500 4552) 02%%%710 1371% 0//574/4%2 3055৭ ০916০2» 05700, 1924) [06500500100 6. ©. 5108, 59206 702765 10. 08০ 17319301305 ০৫ 1.06 720011995013125 1937,




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