धरती कद तांईं घुमैली | Dharti Kad Tain Ghoomaili
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.43 MB
कुल पष्ठ :
104
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हाल ताई खन लगोलग बवतो ई जा रयो हो । वार-वार क्पड री पाटूया बदछेणी पड़ती । नूवी पाठी थोढीज ताठ़ पछ पाछीज यून सू लात हुप जावंती । सगठठा रा चहरा धोठा हुवण नागग्या हा 1 भोजाई छटपटा रयी ही । बी र चहर री रगत विगड़गी ही । चहर माथे मौत री छीया घिरगी ही । थी री श्राख्या खुली हुवता थकाई श्रधमु दी सी-१ दीख रयी ही । गात ढीलो पडग्यो हो । सुमति दूसरी सूई इंजेक्शन लगायी । थोडीक ताठ वी री निजर भोजाई र चहूर माथ टिक्योडी री । फाचेक मिट वीतग्या । खून हाल ताईं कोनी रकयो । प्ोजू पाटी बदठणी पड़ी । जाय इंजेक्शन श्र जावो. । सुमंति वाती 1 मैं वीर हाथ सू कांगद रा पुरजो लेय र इंजेक्शन रा नांव बाच्यो । घर स बार श्रायग्यो । साइफ्ल साथ चढ़ र पड़ते सारण लाग्या । बीकानेर ड्रग होउम से इंजेक्शन खरीतयों 1 सुमति भोजाई र बूमिय मे ओजूं सुई लगायी । उडीकण लागी-कदास पून थम जाव । श्री इंजेक्शन भी काम कौनी प्रायो । मां एक रफ फेर पाटी वत्ठी । वा मन ई सन देवी नेवतावा नै धोकण लागी । सायद ई कोई देवी-ेवता छूटयों हवा जिण रो साव मा सी लिया हुव । मैं वी घड़ी न उडीगण लाग्यो ज काई देवी टेवता प्रगर हुय र प्रापरी बरामात टिखावता । मैं घगोईज उडीकता रयो पण कोई करासान हुई कोनी । खून होते प्रिपाई अया जाव हो । मुमति र चहेर माय घूसठ रो रयावा हीयण जागो । प्रापरी श्रसपड़ता भर घरपाटा रो सुरखता माव यों न रीस सी व ब्रा रयी हो । भाई घर मे प्राया 1 व रोपा व हानसी दफ़ मैयारो है के भार सो उठाया बर पथ भर युण बु् हे से भाप मत्त टूयारा है. झय भुगता फिध्ार रा पठ पिंड सही पाइर कूर्ण साग्यों ।
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