आधुनिक उद्योग और व्यवसाय की दुनिया | Aadhunik Udhog Aur Vyavsaay ki Duniya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१० बम को वे विश्व वी आधार-शिला मानते थे । वे इस वात में विश्वास करते थे क्लि व्िसी वस्तु मे हमेशा सुधार करने की गु जाइश रहती हूँ । हम मजिल पर पहुँच गये है, श्रव हमें आगे बढने की श्रावच्यकता नहीं है, इस प्रकार की नीति के वे विरुद्ध थे | निरन्तर प्रयोग, परिवर्तन तथा विकास--फोर्ड कम्पनी के तीन झ्राधारभूत सिद्धाल्त थे । इन सिद्धान्तो को वाये रुप में परिणित करते रहने फ कारण हो इस कम्पनी ने पन्तर्राष्ट्रीय रयाति प्राप्त कर ली । जब पाँच डालर वी योजना काम में ग्राई तो इस कम्पनी में उन लोगों को भी रोजगार मिला जो विकलाग थे, जिनके हाथ-पैर नहीं थे अथवा जिनकी दृष्टि जाती रही थी । फोर्ड में भ्रभिमान को मात्रा नही थी | वह क्लब में नहीं जाने थे, न किसी प्रवार के वाद-विवाद में हो भाग छेते थे । उनका प्रमृष्त उहं दय था काम करना और दुनियाँ को सुखी बनाना । जब जब विश्व के कर्मठ उद्योगपतियों वी चर्चा होगी, हेनरी फोर्ड का नाम आदर झ्यौर सम्मान के साथ लिया जायगा ।




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