पुरुषार्थ देशना | Purushaarth Deshana (2006) Ac 7059

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Purushaarth Deshana (2006) Ac 7059 by भगवन् अमृतचंद्र स्वामी - Bhagvan Amratchandra Swami

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रूफ निकालकर भी इस युवक ने अपने माथे पर शिकन नहीं आने दी। इस पुस्तक को सही अर्थ मे एक सही ग्रथ का आकार देने के लिये हम इस नव दम्पत्ति के भी आभारी है। आभारी है हम, श्री राजेशभाई मोरयानी, अमर आफसेट प्रिन्टर्स के जिन्होने इस ग्रथ को मूर्त रूप प्रदान किया है । यह रूप कैसा है ? सो ग्रथ आपके हाथोमेहै ही। अत मे उन सभी उदारमना दातारो के भी हम आभारी है, जिन्होने जिनवाणी के प्रसार के महत्व को जानकर अपना अमूल्य योगदान दिया, जिससे यह एक महान कार्य निर्विघ्न एव आसानी से सम्पन्न हो सका । सभी आर्थिक सहयोग प्रदान करनेवालो के नाम इसी ग्रथ मे अन्यत्र दिये है । सभी ज्ञात अज्ञात एव जिनवाणी मे रूचि रखनेवाले सुघी पाठको को एव इस ग्रथ के मुद्रण प्रकाशन कार्य मे सहयोगियो के हम आभारी है । भवदीय सुभाष कपूरचदजी जैन विद्यासागर विचार मच, अमरावती डॉ श्रीमति सुधाताई साखरे (रु ११००), सौ मजुषा राजेश गुलालकरी (रू ११००), श्री राजेन्द्र माघव महाजन (रू ११००), सौ. श्रीमति आशा शरद वारकरी (रू १००१), एकं श्रावक वज्पुरवाले (रू ५०१), ुप्तदान सहयोगी (रू ५०१, रु १०१)




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