क्या म खां रा सा | Kya makhanrasa
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
187
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)फविवरं जानं ओरं उनके ग्रन्थ ॐ
दूसरे उपवर्गकी रचनाएँ -
१. निर्मल, रं, सं, १७०४ साघध॑, छुन्द वही, दोहा १३, निरमेलको सतोत्व र्क्षाकी कहामी ।
२. सतयंती, र. सं. १६७८, छुन्द वही, दोहा ५२, सतवबंतोकी रक्ाकी कहानी ।
३, तमीमअ्रनसारी, र. सं. १७०२, चोपाई १७०, तमीसम॑ अनसारीके पत्नीकी खतीत्व
रत्ाकोी कहानी ।
४. शीलवती, र. स. १६८४, छन्द बंदी, दोहा २५, शीह्वतीको सतीोत्व रंत्ञाकी कहानी
२ दिनमें रचित ।
५, कुल्नवंती, से. 1६९३ पौष॑, छुन्द वही, दोहा ४७ कुल्नबंतीकी सतीत्व रक्षाकी कहानी ।
स्वृतन्त्र कहानियां-
१. बहूकियां विरही, र. से, १६९८६, चोपाई १२८, एक दिन में र॑जित, इश्वर-प्रेममं पागल
चरूकिया विरहीके एक लोभीके उद्धारकी कहानी ।
२, भरदेसरकी कहानो, र. सं. १६५०, दौहा-चोपाई, दोहा २३, दो प्रहरमें रचित ।
म॒क्तक भृगार वणन, १. बशेनार्मक, २, रीति काव्य वर्णनात्मक -
१. बारहमासा, २. सं. अज्ञात, सवेया १७५, वियोग ४ गारका बारंहमासा ।
२. न्थ बरबा, र. सं. अज्ञात, बरबा ७०, संग्रोग-वियोग षट् ऋतु वर्णन ।
३. षट् ऋतुं बरबा,र. स. ज्ञातं, बरवा २२, षट् ऋतु वणेन ।
४. षट् क्तु पवंगम, र. सं. श्रज्ञात, पवंगम पु. २. षट् ऋतु वणन ।
( विशेषता--अंत पदोंको अंकवरण जौ मारिशरे ।
तो बश्बा सब द्वे हें मठे विचारिओ ॥)
घुंघटनामा, र. सं. अज्ञात, दोहा चौपाई ४, पृष्ठ, यौवन व घूंघटका बणोन।
, सिंगार-सत, ₹. स. १६७१, दोहा १०१, स्त्रियोंके हर गारका वर्यान, ३ दिनमें रखित।
. भावसतः र. सं. १६७१, पुष्ट ६, श गार रस, २ दिनमें श्चिव ।
विरहसव, र. सं. १६७१ दोहा, १००; वियोग श गार, ५ दिनम रचित ।
५, द्रसनामा, र. सं, अज्ञात, चौपाई २१ ““घुषट खोक्ञ दरस परसाबः ।
१० ग्रल्लोक नासा, २. सं, अज्ञात, चोपाई २३, अल्षकोके सोंद्यका वर्णान ।
११, दरसन नामा, र. सं, अज्ञात, चौपाई ३३ ।
१२. बारहमासा, र. सं. अज्ञात, पृष्ठ २, फुन्निग दन्द ।
१३. प्रेमलागर, र. सं. १६६४७, दोहा २६४, प्रेममदिमा ।
१४. वियोगसार, र. सं. १७१४, दोहा, सबेया, पृष्ठ १६, विरह-वर्णन ।
४५, कम्द्रफकलोल, र. सं. अज्ञात, कविस सवेया, पृ० ३२, श भाररस स्तक कन्ध । मतिमें
1 @ গা নে
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