प्रवासी के गीत | Pravasi Ke Geet

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Book Image : प्रवासी के गीत  - Pravasi Ke Geet

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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४९ ५५ ५.१ ५२ ५२ प्रथम पक्ति वालापण की किरण बनू ঈ, यदि इधर आना हुआ तो देख लोगी--- एक, हृदय की कायरता हे, डर न, मन ! तम भी कपोत, मै भी कपोत, ७४ ७६ ७८ ८9 ८१




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