धर्म शिक्षावली पांचवा भाग | Dharm Shikshawali Panchva Bhaag
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
136
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ते धरम जाग বি পালিশ त्वे चद् र 9 | ‡१
मे হি সালিদী ঈী লা ক্বীয়লিজ আগিজা
বা হা নিকলগছ কালে £ 1 शीर, फोट. पनम, पारी,
चरि प्रादि पशुष्तो शोर मनुष्यों द्वारा तथा हा, बातो
ভিন গাহি হালা घोर ঘর पाणः मतिह् यर नदन्
जन्म তৌতী কী চিক হাক গান खाना ন্
হিরন টা নু प्यास से, पानी यो यर्षा से, बहारने से
फटकानने मे, कपरी में धार बोडइने पर तरप सटे पार
मरते ह। कितने ही गाएही, मोटर, रेख শাহি হাহা লার
जाने पर पर गत्ते कि নিত मेश्वरो ক লা যন
प्राग र लना पप्र सत्प पर जिया ल र শহঙলহা হা
मार > नि द्रण निकाय তল টস उन्म
दारा उन कफो मार दिया नाता, লিনল হী সীল অনু
मनुष्यः प्रारा उनः লাল হলিত ब्थसातर का निमित्त
मार दिये जाते हूँ 'पच्चन्द्रिय तियस्धा के তুলা नश्रत्ति
भाप अपनी अ्रांपो से देखते हो है। पद्म पत्नियों ४1
कोई पालक नहीं उन को पेंट भर হাক भोजन पास नङ
प्रिलता- भुग्य प्पास गर्मी सर्दों की कितनी है! यापाये
ভন सहने फरनी पहली है । गिरारी लोग निर्दष्ता
प्वेक सोली या नीर से उनको मार डालते है। मासा-
ह्री पकाङर पतिरहं লট লাল पर फित्तने ही पशुष्रो
को बलि फे नाम से हीम कर विया जाता है। बफरों,
मेढों, मुर्गों ग्रादि की कुरवानी फी जाती है, सथांदा से
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