हमें तेल कैसे मिला ? | HOW DID WE KNOW ABOUT OIL?

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आइज़क एसिमोव -Isaac Asimov

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पुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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इंटरनल-कम्बस्चन इंजन का सबसे बड़ा लाभ हे कि उसे झट से पल भर में शुरू किया जा सकता हे। जबकि भाष का इंजन पानी उबलने तक शुरू नहीं होगा। 1860 में दुनिया के पहला व्यवहारिक इंटरनल-कम्बस्चन इंजन का इजाद फ्रेंच आविष्कारक इटने लेनोर ने किया। 1876 में जर्मन आविष्कारक निकोलस अगस्त ऑटो ने इसका बेहतर मॉडल बनाया। ऑटो द्वारा डिजायन किए इंटरनल-कम्बस्चन इंजन का संशोधित रूप हम आज भी इस्तेमाल कर रहे हें। अगर इस इंटरनल-कम्बस्चन इंजन को सही तरह से एक फ्रेम पर रखकर गाडी के पहियों से जोड़ा जाए तो वो पहियों को घुमाएगा। तब आपको गाड़ी खींचने के लिए घोड़े की जरूरत नहीं पडेगी। इस प्रकार बिना घोड़े की गाड़ी बन जाएगी। जल्द ही इस प्रकार की गाड़ी का नाम स्वःचलित 'ऑटोमोबाइल' पड़ा। इंग्लैंड में आज भी उन्हें 'कार' बुलाया जाता हे। सबसे पहली व्यवहारिक ऑटोमोबाइल को दो जर्मन इंजीनियर्स गौटिलेब डायमलर और कार्ल बेन्ट ने बनाया। शुरू में उनकी कीमत बहुत मंहगी थीं। एक अमरीकी इंजिनियर हेनरी फोर्ड ने ऑटोमोबाइल्स के पुर्जो को बडी तादाद में इस तरह से बनाया जिससे उनसे आसानी से पूरी कार बनाई जा सके। फिर उसने एक असेम्बली लाइन स्थापित को जिसमें मजदूर एक ही स्थान पर खडे होकर कार का कोई विशिष्ट पुर्जा फिट करता। हरेक मजदूर कार में बस एक पुर्जा फिट करता और फिर दूसरा मजदूर अगला काम करता। जैसे-जेसे ऑटोमोबाइल असेम्बली लाइन पर आगे बढती उसमें उतने ही ज्यादा पुर्ज लगते जाते। असेम्बली लाइन के अंत में कार पूणत: तैयार होती।




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