आग का आइना | AAG KA AAINA

AAG KA AAINA by केदारनाथ अग्रवाल -KEDARNATH AGRAWALपुस्तक समूह - Pustak Samuh

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केदारनाथ अग्रवाल -KEDARNATH AGRAWAL

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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न हटा बीच में खड़ा समय नहटा बीच में खड़ा समय न मिले हम और तुम समय से बाहर एक दूसरे में समाये अस्तित्व में अघाये 3-2-1964 खटखुट खटखुट खटखुट खटखुट कर रहा है काल मेरे कान के पास जमीन छोड़कर जल्द चलने के लिए धक्का दे रहा है उसे मेरा एक बाल मुझसे अलग रहने के लिए तमाम उम्र इंतजार में खड़े रहने के लिए 5-3-1964 आग का आईना /15




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