छोटा सा इंजन जो खींच सका एक ट्रेन को | CHOTA SA ENGINE JO KHEENCH SAKA TRAIN KO
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
39
श्रेणी :
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अशोक गुप्ता - ASHOK GUPTA
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पुस्तक समूह - Pustak Samuh
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वैटी पाइपर - W. PIPER
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सकते हैं और उन्हें जो चाहिये वो वेटर लाकर देते हैं; और तो और मेरी
ट्रेन में कुछ ऐसे भी डिब्बे थे जिनमें यात्री बॉहों-वाली गुद-गुदी कर्सियों
पर बैठ कर बड़ी-बड़ी खिड़कियों से बाहर का नजारा ले सकते हैं. में
तुम्हारी जैसी ट्रेन को खीचूँ? बिल्कुल नहीं!”
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