हिंदी चेतना : अप्रैल-जून 2011 | HINDI CHETNA : APRIL-JUNE 2011
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
67
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जूली दिखाई दी जिसके साथ एक पुलिस की
महिला थी।
मैगी को देखते ही जूली उसके गले से
लिपट गई। ओह मैगी आज सोनिया कितनी
ख़ुश थी अपने सायमन के जन्मदिन का सोच
कर। मैगी मैं क्यों उसकी बात मान कर पहले
पब से बाहर आ गई कार पार्क से कार
निकालने । ठंड बहुत थी सोनिया ने कहा।
जूली तुम्हे कार पर से फ़्टॉस्ट हटाने में देर
लगेगी। तुम कार स्टार्ट करके सड़क के दूसरी
ओर मेरा इन्तज़ार करो मैं काम समाप्त करके
आती हूं।
क्या उस तेज़ी से आती हुई कार ने तो उसे
ही समाप्त कर दिया। ओह मैगी सड़क पार
करते हुए उस तेज़ी से आती कार ने सोनिया
को इतनी ज़ोर से टक्कर मारी कि वह हवा में
ऊंची उड़ कर बहुत दूर जा कर गिरी। वो कार
वाला रुका भी नहीं और मेरी सोनिया... जूली
आगे कुछ ना बोल पाई।
नहीं जूली कुछ नहीं होगा हमारी सोनिया
को । मैं उसे कुछ नहीं होने दूंगी।
यहां मैगी कौन है एक नर्स बाहर आ कर
बोली।
मैं हूं मैगी। चलो हमारे साथ ।
सामने जो मैगी ने देखा वो तो वह कभी
सपने में भी नहीं सोच सकती थी। सोनिया
सिर से पैर तक पट्टियों सें लिपटी हुई थी। मैगी
स्वयं को रोक ना सकी।
मैगी लगभग चीख़ ही पड़ी।
मैगी सोनिया की कमज़ोर आवाज़ आई।
मैगी सायमन।
सायमन बिल्कुल ठीक है सोनिया तुम
उसका फ़िक्र मत करो बस जल्दी से ठीक हो
जाओ सोनिया।
मैगी सायमन मामा को दे देना सोनिया
आगे ना बोल सकी।
बोल तो मैगी भी ना सकी। उसकी आवाज़
हिचकियों में डूब गई।
अपने ख़्यालों में डूबती तैरती एंडरिया
आयल ऑफ़ वाइट पहुंच गई। वह टैक्सी ले
बताए हुए पते पर चल पड़ी। उसका दिल ज़ोरों
से धड़क रहा था। होंठ बार बार कांप जाते।
टैक्सी रुकते ही एंडरिया अंदर की ओर भागी।
कमरे के दरवाज़े पर उसके पैर ठिठक गये।
सामने मैगी एक छोटे से बच्चे को गोदी में
लिए खड़ी थी। एंडरिया उस बच्चे को देखती
रह गई। बिल्कुल माइकल का छोटा रूप।
एंडरिया की नज़रें तो अपनी बेटी को दूंढ
रहीं थीं। इतने में उसे एक बहुत कमज़ोर जानी
पहचानी आवाज़ आई जिसे सुनने के लिये
उसके कान तरस गये थे।
[। द चल
घ्५्९
ममा।
सोनिया, एंडरिया की नज़र एकदम कमरे
के बीचों-बीच रखे पलंग पर गई । वह तो सोच
भी नहीं सकती थी कि उसकी बेटी कभी उसे
इस हालत में मिलेगी।
वह जल्दी से पलंग की ओर लपकी जहां
पट्टियों में लिपटी सोनिया मशीनों से घिरी हुई
थी।
ममा... सायमन।
इतना लम्बा आयल ऑफ़ वाइट पहुंचने
का रास्ता तो जल्दी कट गया था परंतु दरवाज़े
से पलंग तक का रास्ता तय करने में एंडरिया
ने बहुत देर कर दी। «
अप्रैल-जून 2011 5 हा
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