हमें अंकों के बारे में कैसे पता चला ? | HOW DID WE KNOW ABOUT NUMBERS?

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आइज़क एसिमोव -Isaac Asimov

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पुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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एक से हजार तक के रोमवासियों के चिन्ह इस प्रकार थे। 15 एक ५ - पांच औ्‌- दस 1, - पचास (5 एक-सौ 1) 5 पांच-सौ 1 - एक-हजार पांच, पचास और पांच-सौ के लिए विशेष चिन्ह उपयोग करने के बाद रोमवासियों को कभी भी किसी चिन्ह को - एक, दस और सो आदि को, चार से ज्यादा बार नहीं इस्तेमाल करना पड़ा। बाईस को उन्होंने #>ग ऐसे लिखा। तेहत्तर को 1.» इस प्रकार लिखा। चार-सौ अट्ठारह को (९९८5 णा। ऐसे लिखा। एक हजार नौ-सौ निन्‍्यानवे को 1)! > %ऋ४एणा॥ इस प्रकार लिखा। अगर आप एक हजार नौ-सौ निन्‍्यानवे को मिस्त्रवासियों की प्रणाली द्वार लिखने की कोशिश करेंगे तो आपको उसके लिए एक हजार चिन्ह इस्तेमाल करने होंगे जिसमें 'सौ', 'दस' और 'एक' के नौ चिन्ह शामिल होंगे। जबकि रोमन प्रणाली में केवल 16 चिन्ह ही उपयोग करने पड़ेंगे। मिस्त्रवासियों की प्रणाली केवल चार ही चिन्हों का उपयोग करती थी जबकि रोमन प्रणाली सात चिन्हों का इस्तेमाल करती थी। रोमन प्रणाली में गिनना कम पड़ता था पर याद ज्यादा रखना पड़ता था। रोमन अंकों के इजाद के समय उन्हें किस क्रम में रखा जाए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था। आप चाहें ५], या #&1५9, या [%५ लिखें - सभी का मतलब सोलह होता था। आप चाहें किसी भी क्रम में दस, पांच और एक को जोड़ें उनका मान हमेशा सोलह ही होता था। पर संख्याओं को चिन्हों को अगर किसी तार्किक क्रम लिखा जाए तो उन्हें जोड़ना ज्यादा आसान होता है। यहां एक प्रकार के सभी चिन्हों को एक-साथ रखा जाता हे। सबसे बड़ी संख्या दर्शाने वाला चिन्ह बायें ओर और उसके बाद उससे छोटे और उससे छोटे चिन्हों को रखा जाता है। इस पद्धति के अनुसार अट्ठत्तर को 1.% » १ ५] ऐसे लिखा जाएगा जिसमें 1, के बाद क्रम में हू, ५, और [1 आएंगे। बाद में रोमवासियों को संख्याओं के चिन्हों को कम करने की एक बढ़िया युक्ति समझ में आई। चिन्हों को हमेशा की तरह बायें से दायें लिखो, पर 16




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