शाप | SHAAP

Book Image : शाप  - SHAAP

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

पुस्तक समूह - Pustak Samuh

No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh

Add Infomation AboutPustak Samuh

विजयदान देथा - Vijaydan Detha

No Information available about विजयदान देथा - Vijaydan Detha

Add Infomation AboutVijaydan Detha

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
2 काना, शूल भरा बबूल और कोयल काली।' कहते ही कोयल[& कौए से भी अधिक काली हो गई। उस दिन से ही कोयलें काली & होने लगी हैं, पहिले सोने के समान पीली व चमकीली हुआ करती (2 अं शथी। 10 वहां से उड़कर कौआ एक चंदन के वृक्ष पर जाकर बैठा। 5. उस वृक्ष से कई साँप और अजगर लिपटे हुए थे। कौए के एक ४ ड आँख देखी तो उन्हें बड़ा अचरज हुआ। कौए से पूछा-“कौए (३. 9, भाई, कौए भाई, कल तो मणियों जैसे तेरी दोनों आँखे चमक * ॥| रही थी, आज तेरे एक ही आँख कैसे? कौए ने जवाब दिया--“मुझे [£ ज है मरती कीडी ने सराप दिया कि कौआ काना, शूलों भरा बबूल, # (८... हे (25 [1 <ब क हि 338. (21 ०४. हि गिर पडे। उस दिन से ही सभी सॉँप पेट के बल रेंगते हुए चलने के लगे | पहिले उनके एक सौ आठ पाव हुआ कर्ते थे । 2 ही




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now