कहकहे | KEHKAHE - BGVS

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दो नो की माँ उसके छोटे भाई मनु को दवा खिला रही थी। अनु ने माँ से पूछा-माँ तुम मनु को यह किस चीज़ को दवा खिला रही हो। माँ ने कहा-देखती नहीं, मनु को दाँत नहीं है। ये दवा खिलाने से उसे दाँत निकल आएँगे। यह सुन कर अनु ने कहा-माँ तो फिर थोड़ी सी दवा मुझे भी दो। मैं दादी माँ को खिलाऊँगी। माँ ने पूछा-क्यों, दादी माँ को क्यों खिलाओगी ? अनु ने कहा-देखती नहीं ! दादी माँ के भी दाँत नहीं हैं। [11710 प् 17% छा का का | ही री 9. पक] कक जी 1.1 1 जे हक 1. का है श / है ई 2 कफ * शा कक की ग 772 है |] ु है ई॑ बाूँ बा. 3. कक श गा ओ ल्‍ । या एः अंग्रेज की हिन्दुस्तानी बीबी थी। अंग्रेज हिन्दी नहीं जानता ए । इससे उसकी बीबी को फायदा था। पति को जब भी गाली देनी होती, वह हिन्दी में गाली देती । पति तो हिन्दी जानता नहीं था। इसलिए समझ नहीं पाता था। एक दिन बीबी ने अंग्रेज को गधा कहा-अंग्रेज ने पूछा- तुमने मुझे “गधा” क्यों कहा ? यह तो गाली है। बीबी ने कहा- नहीं, नहीं, गधा गाली नहीं है। गधा का मतलब तो है मोटा-ताजा। अंग्रेज न बीबी के बातों पर विश्वास कर लिया। इसी तरह एक दिन बीबी ने अंग्रेज को उल्लू कहा- अंग्रेज ने >




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