वृद्धि और परिवर्धन | VRIDDHI AUR PARIVARDHAN

VRIDDHI AUR PARIVARDHAN by पुस्तक समूह - Pustak Samuhविभिन्न लेखक - Various Authors

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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48 वृद्धि और परिवर्धन तालिका 2 बीज बोने की तारीख अंकुर निकलने की तारीख एक कुल्हड या टीन का डिब्बा लो | उसमें मिट्टी भर लो। चना, सेम या मूंग का एक बीज इस कुल्हड़ में बो दो। अच्छी तरह पानी सींचकर कुल्हड़ को किसी सुरक्षित जगह पर रख दो। अब हमें रोज इसका अवलोकन करना है। अवलोकन लिखने के लिए तालिका 2 का उपयोग करो | जिस दिन अंकुर मिट्टी से बाहर निकले उस दिन की तारीख नोट करो । इसे पहला दिन (1 दिन) कहा जाएगा। इस दिन से रोजाना पौधे की ऊंचाई नापकर तालिका में लिखते जाओ। (6) यदि पौधा सीधी रेखा में बढ़े तो उसकी ऊंचाई स्केल की मदद से नाप सकते हो। यदि वह सीधी रेखा में नहीं बढ़ता तो एक धागे की मदद से उसकी ऊंचाई नापो। वृद्धि के दिन और पौधे की ऊंचाई का ग्राफ बनाओ। (7) ग्राफ के आधार पर बताओ कि पौधे में सबसे धीमी वृद्धि किन दिनों हुई। (8) सबसे तेज वृद्धि के दिन कौन-से थे? (9) क्या उगने के बाद 20 दिनों में पौधा एक ही दर से बढ़ा या उसकी वृद्धि की दर अलग-अलग रही? (10) अधिकतर पौधों, जानवरों और मनुष्यों में देखा गया है कि जन्म या अंकुरण के एकदम बाद कुछ समय तक वृद्धि धीमी होती है, उसके बाद कुछ समय तक तेजी से और फिर या तो बहुत ही धीमी हो जाती है या रुक ही जाती है।




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